बड़सर थाने में डीएसपी ने चढ़ाया झंडा, जागरण व विशाल भंडारे का भी किया आयोजन

बड़सर पुलिस थाना गऊआं दा फाटक नाम से जाना जाता है।  गऊंआ दा फाटक में बाबा बालक नाथ की गऊंओं को रखा गया था। बाबा बालक नाथ शाहतलाई में मां रत्नों की गऊओं को चराते थे तथा तपस्या में लीन रहते थे।
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हमीरपुर ।   बड़सर पुलिस थाने में गऊंआ दा फाटक में बने मंदिर में डीएसपी लाल मन शर्मा व एसएचओ प्रवीण राणा ने झंडा चढ़ाया व प्रसाद बांटा। पुलिस थाना बड़सर के स्थान को कभी गऊंआ दा फाटक नाम से जाना जाता था। इस स्थान का बाबा बालक नाथ की कहानियों से जुड़ा है। पुलिस थाना का भवन 1884 में बना है व इसकी तिथि थाना के मुख्य द्वार पर अंकित है लेकिन पुलिस थाना में इसके इतिहास के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

इस मौके पर बड़सर थाना में सोमवार शाम को जागरण का आयोजन किया गया व मंगलवार को विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया।  इस भंडारे में जिलाधीश देवाश्वेता बनिक, एसपी हमीरपुर डा. आकृति शर्मा, एसडीएम बड़सर शशीपाल शर्मा, राकेश शर्मा, पूर्व विधायक मंजीत सिंह डोगरा, रूबल ठाकुर सहित कई गणमान्य लोगों ने शिरक्त की।


बताते चलें कि गऊंआ दा फाटक में बाबा बालक नाथ की गऊंओं को रखा गया था। बाबा बालक नाथ शाहतलाई में मां रत्नों की गऊओं को चराते थे तथा तपस्या में लीन रहते थे। एक बार गऊओं ने किसानों की फसलों को उजाड़ दिया। किसानों ने गऊंओं को बड़सर स्थित गंउंओं को फाटक में रखा गया। बड़सर में गऊआ के फाटक में बाबा बालक नाथ का मंदिर है। बड़सर में लगभग आठ कनाल भूमि पर पुलिस थाना है। इसमें कार्यालय, आवास तथा मंदिर आता है। मंदिर की देखरेख का जिम्मा थाना प्रभारी के पास रहता है।  चैत्र मास के शुभारंभ के समय झंडा रस्म होती है।

मंदिर में चढ़ावे तथा पुलिस कर्मचारियों ने अपने सहयोग से तीन सरायों का निर्माण किया है। दियोटसिद्ध तक पैदल जाने वाले कई श्रद्धालु रात्री विश्राम को सराएं में ठहरते है। ऐतिहासिक धरोहर पुलिस थाने में समय समय पर मरम्मत होती रही है। भवन में टाइलें लगाकर ऐतिहासिक धरोहर को बचाकर रखा हुआ है, लेकिन थाना की छत में लगे स्लेट खराब हो गए हैं। भवन की छत को बदलना जरूरी है। स्थानीय लोगों ने कहा कि ऐतिहासिक धरोहर को संजोए रखने के लिए सरकार को विशेष बजट मुहैया करवाना चाहिए। उन्होंने मंदिर को संवारने में थाना प्रभारी के योगदान की सराहना की है।

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