डिग्री जांच को टीजीटी राजी, विभाग करे फीस की व्यवस्था : विजय हीर

फर्जी डिग्री से शिक्षक बनने वालों की शिनाख्त करने के लिए अब शिक्षा विभाग ने डिग्री जांच की मुहिम चला दी है।
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राजकीय टीजीटी कला संघ  प्रदेश  महासचिव विजय हीर

हमीरपुर । फर्जी डिग्री से शिक्षक बनने वालों की शिनाख्त करने के लिए अब शिक्षा विभाग ने डिग्री जांच की मुहिम चला दी है। इस मुहिम को विजिलेन्स के मामला संख्या 06/2019 के तहत अनुपूरक कार्यवाही के रूप शुरू किया गया है। जिसमें राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो, हमीरपुर के आह्वान पर प्रारम्भिक शिक्षा उप निदेशक हमीरपुर कार्यालय द्वारा शुरू किया गया है। जारी आदेशों में प्रारम्भिक शिक्षा उप निदेशक कार्यालय हमीरपुर ने जिला हमीरपुर के तमाम स्कूलों में तैनात उन टीजीटी के योग्यता प्रमाण पत्रों की जांच के लिए भेजने की स्थिति का विवरण मांगा गया है।


शैक्षणिक योगिता के दस्तावेजों की जांच के लिए फीस का भार शिक्षकों को ही उठाने के लिए कहा गया है, जिसमें 1600 रूपये से 5000 रूपये का खर्चा आएगा। दस्तावेजों की जांच के लिए राज्य, बोर्ड और स्तर अनुसार वेरिफिकेशन फीस देनी होगी। ऐसे में यह खर्चा सीधी रूप से उन शिक्षकों को करने हेतु कहा जा रहा है, जो बतौर टीजीटी सेवारत हैं। प्रवक्ता ए सीएंडवी और जेबीटी वर्ग के लिए ऐसे फरमान नहीं आए हैं।

वहीं स्कूल मुखिया अब शिक्षकों से फीस का ड्राफ्ट मांग रहे हैं, ताकि उनकी डिग्री व कोर्सों की सत्यता हेतु मामला दस्तावेज सहित भेजा जा सके। इस बारे में फीस की व्यवस्था शिक्षा विभाग व सरकार करें। यह मांग राजकीय टीजीटी कला संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल और प्रदेश  महासचिव विजय हीर ने प्रदेश शिक्षा सचिव से की है।


 विजय हीर ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग ने 20 जनवरी 2014 को भी सभी कर्मचारियों की डिग्री जांच के आदेश शिक्षा बोर्ड सचिव को दिए थे। 01 जून 2021को को प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक ने भी सभी प्रारम्भिक शिक्षा उप निदेशकों को आदेश दिए थे कि 30 अप्रैल  2021 के बाद नियमित या नियुक्त टीजीटी की स्नातक व बी.एड डिग्री संबन्धित स्कूल मुखियाओं द्वारा वेरिफाई करवाएं।

इस तरह शिक्षकों की डिग्री भर्ती के समय से आज तक कई बार जांची गई है और अब एक और जांच की जा रही है। ऐसे में शिक्षक चाहते हैं कि उनकी शैक्षणिक योगिता की जांच हेतु फंड शिक्षा विभाग स्टार्स प्रोजेक्ट से या उचित निधि से शिक्षा विभाग वहन करे। शिक्षक अपने दस्तावेज विभाग को सौंप देंगे और फिर जितनी मर्जी जांच जांच कर ली जाए, मगर डिग्री जांच सबकी हो। केवल टीजीटी शिक्षकों की डिग्री जांच करना औचित्यहीन है, क्योंकि इनकी डिग्री जांच पहले भी हुई है।



टर्म अनुसार पाठ्यक्रम विभाजन स्पष्ट करे बोर्ड

टीजीटी कला संघ ने शिक्षा बोर्ड से अपील की है कि कक्षा 9 व 19 हेतु टर्म अनुसार पाठ्यक्रम विभाजन की ताजा अधिसूचना जारी करे। शिक्षकों को लंबित मानदेय दे जो कि बोर्ड के पेपर्स की चैकिंग और परिणाम बनाने के एवज में गत सत्र में देय थी, मगर अधिकांश शिक्षकों को आज तक भुगतान नहीं मिला। 

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