खनन माफियाओं पर नहीं किसी का कन्ट्रोल : पवन कालिया

जल शक्ति विभाग ने फिर खड्ड में नई करोड़ों रुपये की गैलरी बनबाई, लेकिन पेयजल योजना हांफ  चुकी है और लोगों को चार चार दिन पानी नहीं आ रहा है।
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कांग्रेस जिला महासचिव पवन कालिया

हमीरपुर ।  उपमंडल बड़सर के अंतर्गत आने वाली शुक्कर खड्ड पर लगे क्रेशरों की बजह से पानी का स्तर काफी नीचे जा चुका है जिससे कई पेयजल योजनाएँ हाँफ चुकी हैं । खनन की वजह से कई स्थानों पर खडडें  बीस से तीस  फिट नीचे चली गईं हैं जिससे जलस्तर तो नीचे जा ही रहा है जबकि भूमी कटाव की वजह से उपजाऊ भूमी भी बहती जा रही है। शुक्कर खड्ड में समताना खुर्द के पास लगी जल शक्ति विभाग की जो योजना यहां से पानी उठाकर लोगों को आपूर्ति पूरा करती थी, वह सूख जाने के बाद बन्द हो गई है।


कांग्रेस जिला महासचिव पवन कालिया ने कहा कि शुक्कर खड्ड पर लगे क्रेशरों की वजह से पानी का स्तर काफी नीचे चला गया हैं। लेकिन सरकार का आशीर्वाद खनन माफियाओं पर इतना है कि खडडें तीस चालीस फिट नीचे चली गईं हैं। जिससे जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है। उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायत पर बड़सर विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने दौरा किया और इस स्कीम को चालू करने को कहा।  जल शक्ति विभाग ने फिर खड्ड में नई करोड़ों रुपये की गैलरी बनबाई, लेकिन पेयजल योजना हांफ  चुकी है और लोगों को चार चार दिन पानी नहीं आ रहा है।

विभाग का पहले का करोड़ों रुपये बेकार चला गया और अब विभाग नए सिरे से तीसरी बार फिर  करोड़ो  रुपये खर्च रहा है, ताकि लोगों को पीने के पानी से निजात दिला सकें। जिला महासचिव पवन कालिया ने कहा कि खन्नन की रफ्तार ऐसे ही रही तो अगले वर्ष पानी की योजना फिर सूख जायगी। उन्होंने कहा कि खनन माफिया का इतना दबदबा है कि क्रेशर चलाने का कोई फिक्स समय नहीं और मनमाने दामों पर डबल दरों पर रेत और बजरी बेच रहे हैं। हैरानी की बात है कि कोई बिल नहीं कोई रिवेल्टी फार्म नहीं, कोई मापतोल नहीं, मर्जी की लूट, पता नहीं रोज कितने रूपयों का चूना सरकार को लगा रहे हैं। कितने ट्रक और कितने ट्रैक्टर रोज जा रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी आँखे मूंद मुक दर्शक बने हुए हैं। 

इन खनन माफिया की खड्डों में लगी जेसीवी और ट्रेक्टरों को भी कोई नहीं पकड़ता। क्या सरकार और सरकारी विभाग इनसे मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि खड्डों में बेरोजगार युवाओं के ट्रेक्टरों के चालान आम होते रहते हैं, लेकिन खनन माफियाओं की गाडिय़ों के चालान कभी नहीं हुए न होते हैं। कई बार लोंगों की शिकायत पर की जाती है कि खड्ड में जेसीवी लगी है, जिस अधिकारी को शिकायत करो वे आने से पहले खनन माफियाओं को फोन कर देते हैं कि हम आ रहे हैं, उतनी देर ये बंद कर देते हैं। ये खनन माफिया कब तक सरकार पर प्रभावी रहेगा।

  पवन कालिया ने प्रेस नोट जारी कर पुरजोर मांग की है कि सरकार इन पर कोई नई नीति बनाये और बेरोजगार युवाओं को भी इन खड्डों से रिव्लटी लेकर रेता बजरी पत्थर उठाने का प्रावधान हो। जिससे आम जनता को भी घर बनाने के लिये सस्ती दरों पर मटीरियल मिल सके और इन खन्नन माफियाओं पर भी नकेल कसे। 

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