Hamirpur : हादसे में टांग गंवाई, बंटी ने स्वरोजगार से राह बनाई

बिझड़ी के बंटी कुमार एक टांग पर घर -घर बेच रहा चटनी और आचार, चार साल की मेहनत के बाद खरीदी स्कूटी, मॉडिफाई करवा कर बेच रहे उत्पाद ।  
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हमीरपुर ।  उपमंडल बड़सर के अंतर्गत आने वाले बिझड़ी क्षेत्र के बंटी कुमार ने हादसे में टांग गंवाने के बावजूद घर पर बैठने की बजाय स्वरोजगार अपनाकर युवाओं के लिए मिसाल पेश की। बंटी ने दुर्घटना में एक टांग खो दी। हादसे ने टांग तो छीनी ली, लेकिन हौसला नहीं।


बताते चलें कि बंटी बिझड़ी में एक किराये के मकान में रहते हैं। टांग खोने के बाद उनके जीवन में निराशा आ गई। उन्होंने निराशा को दूर करने के लिए सात साल पहले आचार और चटनियों को बेचने का काम शुरू किया। वह पहले गांव -गांव एक में टांग के सहारे सामान बेचने लगे। चार साल की मेहनत के बाद उन्होंने एक स्कूटी खरीदी। स्कूटी को इस तरह से मॉडिफाई करवाया, ताकि दिव्यांग होने के बाद वे उसे न केवल चला सके, बल्कि उसमें आचार और चटनी में ले जा सकें।


बंटी कुमार ने बताया कि वह सात वर्षों से रोज सुबह छह बजे किराये के कमरे से आचार बेचने निकल जाते हैं और शाम को सात बजे घर लौटते हैं। बंटी ने बताया कि वह बिलासपुर के कुछ इलाकों के साथ पूरे हमीरपुर जिले में स्कूटी पर आचार बेचते हैं। इससे वह प्रतिमाह 15 हजार रुपये कमाते हैं। दिव्यांग होने के बावजूद मेहनत कर कमाने वाला बंटी क्षेत्र के युवाओं के लिए मिसाल बने हैं।

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