पूर्व सीएम प्रो. धूमल के बिना रिवाज बदलेगा या ताज, धूमल के चुनाव न लडने की घोषणा पर सियासी चर्चा तेज

प्रदेश के दो बार के मुख्यमंत्री और तीसरी बार सीएम फेस बने प्रो. प्रेम कुमार धूमल इस बार यानी वर्ष 2022 का यह चुनाव नहीं लड़ेंगे।  
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EX Cm Prem Kumar Dhumal Photo

हमीरपुर ।  प्रदेश के दो बार के मुख्यमंत्री और तीसरी बार सीएम फेस बने प्रो. प्रेम कुमार धूमल इस बार यानी वर्ष 2022 का यह चुनाव नहीं लड़ेंगे।  इस खबर ने प्रदेश के सियासी गलियारों को तपा दिया है। हालांकि उन्होंने किन कारणों से यह फैसला लिया इसकी सही जानकारी फिलहाल किसी के पास नहीं है।  लेकिन एका एक आई इस खबर के साथ ही हमीरपुर सहित प्रदेशभर के धूमल समर्थकों में मायूसी और सन्नाटा पसर गया है। हर कोई इस बात को लेकर हैरान और परेशान है कि जो प्रो. धूमल साढ़े चार साल से लगातार फील्ड में सक्रिय रहे और हमेशा कहते रहे कि यदि हाईकमान कहेगा तो चुनाव लड़ेंगे,  तो आखिर उन्होंने पीछे हटने का निर्णय क्यों लिया।

बता दें कि अभी तीन दिन पहले ही प्रो. धूमल चुनाव समिति की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली गए हैं। भले ही प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए लगातार केंद्र से बैकअप भाजपा को मिल रहा है और प्रधानमंत्री मोदी स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा प्रो. धूमल के बिना उस रिवाज को बदल पाएगी जिसका वो लगातार दावा कर रही है। या फिर क्या चुनाव प्रचार में प्रो. धूमल की भूमिका वैसी ही होगी जैसी कि पहले हुआ करती थी।
आपको याद करा दें कि जब सीएम फेस होने के बावजूद भी 2017 के चुनावों में प्रो. धूमल हार गए तो भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कुछ ही महीनों बाद फिर से फील्ड में उतर गए। 75 प्लस होने के बावजूद वे सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के एक-एक घर तक पहुंचे और पार्टी के हर कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते रहे। सबको उम्मीद थी कि वे इस बार सुजानपुर से चुनाव लड़ेंगे। यही नहीं कुछ दिन पूर्व तो उनकी हमीरपुर से भी चुनाव लडऩे की चर्चा ने बल पकड़ लिया था। कुल मिलाकर यह कि इन पांच वर्षों में हमीरपुर की जनता जान चुकी थी कि प्रो. धूमल हरवाकर उन्होंने जिले का कितना नुकसान करवाया है ।  शायद इसी वजह से हर कोई प्रोफेसर साहब के चुनाव लडऩे की पैरवी कर रहा था।
1998 में पहली बार संभाली प्रदेश की कमान
प्रो. धूमल के मुख्यमंत्री काल की बात करें तो वे पहली बार वर्ष 1998 में विधायक बने और उनके नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी। दूसरी बार वर्ष 2007 में प्रो. प्रेम कुमार धूमल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2017 के चुनावोंं में हालांकि पार्टी ने फिर से उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया लेकिन वे चुनाव हार गए थे। उनकी हार के बाद न केवल हमीरपुर जिला बल्कि प्रदेश के हर कौने में बैठा धूमल समर्थक इन पांच वर्षों में हाशिये पर रहा।

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