जनता पार्टी व प्रत्याशियों के बीच हो रहे बड़सर के चुनाव में बड़े-बड़ों की नींद हराम : संजीव
हमीरपुर । चुनाव प्रचार में डरा धमका कर लोगों को अपने पक्ष में करने का जमाना अब लद चुका है। यह दीगर है कि अभी भी हारे व नकारे नेता यह मानते हैं कि जमाना उनकी मुट्ठी में कैद है। यह बात बड़सर के चुनाव प्रचार को नित नई धार दे रहे आजाद उम्मीदवार संजीव कुमार ने कही है।
संजीव कुमार ने ढटवाल क्षेत्र के केंद्र की 18 चुनावी जनसभाओं में दलचेहड़ा, घंगोट, चकड़ाला, बिझड़ी, कोट, बल्ह बिहाल, मथोल, सूदर, धंगोटा, वल्ला, पपलोहल, दंदवी, कच्छवीं, करहा, जंगल, पदयाण, लखोह, गरड़ी, चलसाई, बुनाणी आदि क्षेत्रों में आयोजित जन सभाओं में बोल रहे थे। संजीव ने कहा कि अब सवाल पार्टी और प्रत्याशियों का नहीं है, अब सवाल बड़सर की हैसियत का है और बड़सर की जनता ने बड़सर का चेहरा बनाकर मुझे चुनाव में उतारा है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में दोनों ही दलों के प्रत्याशियों की नींदें हराम हो चुकी हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के पास दिखाने को कुछ नहीं है। जबकि बीजेपी प्रत्याशी की अब बची मंडली व जुंडली के पास दुष्प्रचार करने के अलावा कुछ नहीं है।
बड़सर बीजेपी का अधिकांश कार्यकर्ता जीत के जुनून में अब ट्रक पर सवार हो चुका है और गांव-गांव में संजीव बन कर चुनाव प्रचार कर रहा है। संजीव बोले कि यह चुनाव कार्यकर्ता व आला कमान के तुगलकी फरमान के बीच हो रहा है। जिसमें बड़सर की जनता ही आलाकमान है और बड़सर की जनता ही उम्मीदवार बन कर चुनाव में उतरी है।
संजीव कुमार ने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा है कि वह किसी भी स्थिति में शांत और सौम्य रहें। क्योंकि विरोधियों के नापाक मंसूबे सही नहीं लग रहे हैं और वह चुनाव में तनाव पैदा करने के लिए ओच्छी व घटिया हरकतें करने के लिए किराए के गुंडों की टीम को चुनाव में सक्रिय कर चुके हैं। संजीव ने कहा कि अब तक कभी नेता तो कभी पार्टी के नाम पर चुनाव जीतते रहे बीजेपी प्रत्याशी को अब जनता से पाला पड़ा है और जनता ने उन्हें अभी से चुनावी पाले और पारी से बाहर कर दिया है।
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