सहायक आयुक्त ने की महिला एवं बाल विकास योजनाओं की समीक्षा

सहायक आयुक्त ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के कल्याण तथा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के दिए निर्देश।
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हमीरपुर  । पोषण अभियान और मिशन शक्ति सहित महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं से संबंधित जिला स्तरीय समितियों की संयुक्त बैठक मंगलवार को  सहायक आयुक्त पवन कुमार शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं अभियानों की प्रगति की समीक्षा की गई।  इस अवसर पर सहायक आयुक्त ने कहा कि महिलाओं और बच्चों के कल्याण तथा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

इन योजनाओं के क्रियान्वयन में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा, ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, जलशक्ति, पुलिस, उद्योग, कृषि, बागवानी, पशुपालन और कई अन्य विभाग भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। इसलिए सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि जिला में महिला एवं बाल कल्याण से संबंधित योजनाओं के शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किए जा सकें।   पवन कुमार शर्मा ने कहा कि जिला में कुल 1351 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों केे माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष तक की आयु के 22,196 बच्चों और 5773 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पोषाहार दिया जा रहा है। इनके अलावा प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधीन स्कूली बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।

आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्न सुविधाओं की समीक्षा करते हुए सहायक आयुक्त ने कहा कि जिले के अधिकांश केंद्रों में नल से पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को शेष केंद्रों में भी अतिशीघ्र नल कनेक्शन लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों और शौचालयों के निर्माण के लिए धनराशि जारी की गई है, उनके कार्य भी अतिशीघ्र पूरे होने चाहिए।


  सहायक आयुक्त ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए ‘मिशन शक्ति’ के रूप में एक समग्र योजना आरंभ की गई है। उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति के तहत ‘संबल’ और  ‘सामथ्र्य’ दो उपयोजनाएं चलाई जा रही हैं। संबल उपयोजना के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला हेल्पलाइन, वन स्टॉप सेंटर, नारी अदालत और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का संचालन किया जा रहा है। इसी प्रकार सामथ्र्य उपयोजना के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उज्ज्वला योजना, स्वधार गृह, वर्किंग विमेन हॉस्टल, नेशनल क्रैच स्कीम और प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं।

सहायक आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे महिला एवं बाल विकास से संबंधित सभी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ताकि सभी पात्र महिलाएं एवं बच्चे इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।   बैठक में मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना और अन्य योजनाओं की समीक्षा भी की गई। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने अश्वनी शर्मा ने विभिन्न योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्रिहोत्री, उच्चतर शिक्षा उपनिदेशक बीडी शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कुलभूषण राकेश धीमान और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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