वार्षिक परीक्षा को बचे हैं 5 दिन और अध्यापकों को भेज रहे ट्रेनिंग पर : रजनीश

प्राथमिक शिक्षक संघ जिला हमीरपुर के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने बताया कि 3 मार्च से बच्चों के फाइनल एग्जाम शुरू हो रहे हैं और विभाग लगातार अध्यापकों को ट्रेनिंग पर ट्रेनिंग करवाने के लिए पाठशालाओं  से बाहर भेज रहा है। प्राथमिक शिक्षक संघ जिला हमीरपुर ने  इसका कड़ा विरोध  किया।
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TGT Teacher

हमीरपुर ।  राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला हमीरपुर विभाग के द्वारा बिना सोचे समझे जारी किए जा रहे आदेशों से हैरान है और इन आदेशों का कड़ा विरोध करता है।  प्राथमिक शिक्षक संघ जिला हमीरपुर के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने बताया कि 3 मार्च से बच्चों के फाइनल एग्जाम शुरू हो रहे हैं और विभाग लगातार अध्यापकों को ट्रेनिंग पर ट्रेनिंग करवाने के लिए पाठशालाओं  से बाहर भेज रहा है।  ऐसा लगता है कि विभाग में किसी को भी इस बात की परवाह नहीं कि इस अत्यंत महत्वपूर्ण समय पर बच्चों की पढ़ाई कितनी बुरी तरह प्रभावित हो रही है।


 संघ के जिला अध्यक्ष रजनीश कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप कुमार, महासचिव कुशल कुमार  और कोषाध्यक्ष बलवंत सिंह ने संयुक्त बयान में कहा की प्राथमिक पाठशालाओं में पहले ही अध्यापकों की कमी है, बहुत सी पाठशालाएँ पहले ही एक या दो अध्यापकों के सहारे चल रही है, और उस पर ऐसे आदेशों को देखकर लग रहा है कि विभाग को अपनी ही पाठशालाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है, या फिर वे यह समझने में असमर्थ लग रहे हैं कि इस समय ऐसे ट्रेनिंग के आदेशों से बच्चों की पढ़ाई का कितना बड़ा नुकसान हो रहा है।


 उन्होंने बताया कि अध्यापकों को पिछले 2 महीने से किसी ना किसी ट्रेनिंग में उलझा रखा है तथा अब फिर से 27 फरवरी से 3 मार्च तक अध्यापकों के ट्रेनिंग के आदेश जारी कर दिए गए हैं, 5 दिन के बाद बच्चों के फाइनल एग्जाम शुरू होने जा रहे हैं, ऐसे में अगर अध्यापकों को पाठशाला से बाहर भेजा जा रहा है, तो क्या पढ़ाई के इस महत्वपूर्ण समय में अधिकारी पाठशालाओं में जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे, और सी एच टी ही पूरे सेंटर के स्कूलों की पेपरों की व्यवस्था करते हैं  और उन्हें ही पाठशालाओं से बाहर भेजा जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि पाठशालाओं को कैसे चलाना है, बच्चों की पढ़ाई को कैसे कैसे चलाना है, पेपरों की व्यवस्था कैसे होगी, इन सब बातों से विभाग को कोई मतलब नहीं।


प्राथमिक शिक्षक संघ की जिला इकाई एवम सभी खण्ड इकाई इन आदेशों का कड़ा विरोध करती है, और मांग करती है कि इन आदेशों को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो और पेपरों की व्यवस्था में भी कोई बाधा ना आए।

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