ऊना में स्थापित होगा इथेनॉल प्लांट, हर महीने 21 करोड़ कमाएगी हिमाचल सरकार

मुख्यमंत्री ने बताया कि इलेनॉल प्लांट का निर्माण हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच 50-50 हिस्सेदारी में किया जाएगा। इसमें प्रदेश सरकार द्वारा प्लांट के लिए दी जा रही भूमि की लागत भी शामिल होगी।
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 हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में जल्द इथेनॉल प्लांट स्थापना की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इथेनॉल प्लांट की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को इथेनॉल प्लांट के निर्माण कार्य पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के अधिकारियों के साथ बैठक की। प्लांट की स्थापना ऊना के जीतपुर बेहड़ी में होगी।   इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि इलेनॉल प्लांट का निर्माण हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच 50-50 हिस्सेदारी में किया जाएगा। इसमें प्रदेश सरकार द्वारा प्लांट के लिए दी जा रही भूमि की लागत भी शामिल होगी। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर इथेनॉल उत्पन्न होगा। इससे प्रदेश सरकार को हर महीने लगभग 21 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।

शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में जल्द इथेनॉल प्लांट स्थापना की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इथेनॉल प्लांट की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को इथेनॉल प्लांट के निर्माण कार्य पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के अधिकारियों के साथ बैठक की। प्लांट की स्थापना ऊना के जीतपुर बेहड़ी में होगी। 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि इलेनॉल प्लांट का निर्माण हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच 50-50 हिस्सेदारी में किया जाएगा। इसमें प्रदेश सरकार द्वारा प्लांट के लिए दी जा रही भूमि की लागत भी शामिल होगी। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर इथेनॉल उत्पन्न होगा। इससे प्रदेश सरकार को हर महीने लगभग 21 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जीतपुर बेहड़ी में इथेनॉल प्लांट के निर्माण कार्य को लगभग 2 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके माध्यम से प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में एक कदम बढ़ाया जा रहा है। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी इस प्रोजेक्ट के माध्यम से सुधार होगा।


मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को राज्य को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में एक कदम माना और बताया कि प्रदेश सरकार ने 2026 तक इस दिशा में कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। इस परियोजना के माध्यम से उद्योग क्षेत्र में नौकरियों का सृजन होगा, खासकर किसानों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद की जाएगी।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव उद्योग आर.डी. नजीम, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, सलाहकार अधोसंरचना अनिल कपिल और एचपीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इथेनॉल प्लांट के प्रमुख फायदे :

आर्थिक उन्नति: इथेनॉल प्लांट से प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले इथेनॉल से हिमाचल सरकार को प्रतिमाह 21 करोड़ रुपये का राजस्व होने की उम्मीद है। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को स्थायी रूप से सुधार सकता है और रोजगार के अवसर प्रदान कर सकता है।
 

प्रदूषण कमी: इथेनॉल का उपयोग पेट्रोल की जगह इंजनों में किया जा सकता है, जिससे वायु प्रदूषण कम होता है। यह अधिकतर असरदार है क्योंकि इथेनॉल का इंजनों में प्रदूषण को विशेष रूप से कम करने की क्षमता होती है।

स्थानीय विकास: इथेनॉल प्लांट का स्थापना स्थानीय समुदायों के लिए विकास का स्रोत बना सकता है। इससे किसानों को नौकरी और स्वरोजगार के अवसर मिल सकते हैं, जो किसानों को आर्थिक रूप से सुस्त एक्टिविटी में शामिल कर सकता है।

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