हिमाचल में 'चिट्टा' के खिलाफ निर्णायक युद्ध का एलान, 15 नवंबर से शुरू होगा महाअभियान

15 नवंबर से शुरू होगी 'एंटी-चिट्टा' निर्णायक लड़ाई। पंचायत स्तर तक बनेगी निगरानी समिति। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू करेंगे अभियान की सीधी निगरानी।
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हिमाचल प्रदेश को नशे के अभिशाप खासकर 'चिट्टा' (सिंथेटिक ड्रग्स) से पूरी तरह मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अब तक के सबसे बड़े और व्यापक अभियान का खाका खींच लिया है। 15 नवंबर 2025 से प्रदेश भर में शुरू होने वाला यह तीन माह का अभियान न केवल कानून प्रवर्तन पर बल्कि सामाजिक भागीदारी और जागरूकता पर भी केंद्रित होगा। हिमाचल एंटी चिट्टा अभियान	Himachal Anti-Chitta Campaign सीएम सुक्खू नशा मुक्ति	CM Sukhu Drug Free Himachal 15 नवंबर एंटी चिट्टा रैली	Anti-Chitta Rally Shimla November 15 पंचायत नशा निवारण समिति हिमाचल	Panchayat Nasha Nivaran Samiti HP चिट्टा विशेष पुलिस सेल	Special Police Cell for Chitta Himachal हिमाचल को नशा मुक्त कैसे करें	How to make Himachal Drug Free चिट्टा के खिलाफ निर्णायक लड़ाई	Decisive Battle Against Chitta

शिमला। हिमाचल प्रदेश को नशे के अभिशाप खासकर 'चिट्टा' (सिंथेटिक ड्रग्स) से पूरी तरह मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अब तक के सबसे बड़े और व्यापक अभियान का खाका खींच लिया है। 15 नवंबर 2025 से प्रदेश भर में शुरू होने वाला यह तीन माह का अभियान न केवल कानून प्रवर्तन पर बल्कि सामाजिक भागीदारी और जागरूकता पर भी केंद्रित होगा।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए घोषणा की कि राज्य सरकार 15 नवंबर को शिमला के रिज मैदान से चौड़ा मैदान तक एक विशाल 'एंटी चिट्टा रैली' के साथ इस निर्णायक युद्ध का शंखनाद करेगी। यह अभियान राज्य स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक एक साथ चलाया जाएगा, जिसकी निगरानी स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे।

चिट्टा माफिया पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस विभाग में एक विशेष सेल का गठन किया जाएगा। पुलिस ने राज्य की उन सर्वाधिक प्रभावित पंचायतों को चिन्हित कर लिया है, जहां विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री सुक्खू इस पूरे तीन माह के अभियान की राज्य स्तर पर सीधी और व्यक्तिगत निगरानी करेंगे।

अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायत स्तर पर स्थायी निगरानी समितियां बनाई जा रही हैं। मादक पदार्थों के अवैध कारोबार को रोकने के लिए पंचायत स्तर पर 7-सदस्यीय 'नशा निवारण समितियों' का गठन किया गया है। ये समितियां हर माह बैठक कर अपने क्षेत्र में चिट्टा से संबंधित गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगी और उसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों से साझा करेंगी।

ये समितियां जिला उपायुक्त के माध्यम से समन्वय स्थापित कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी, जिससे स्थानीय स्तर पर डेटा-आधारित कार्रवाई संभव होगी। नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को भी इस अभियान का हिस्सा बनाया जा रहा है। महाविद्यालयों में 'एंटी चिट्टा वालंटियर' तैयार किए जाएंगे।

राज्य की मुख्य रैली के अलावा, जिला और उपमंडल स्तर पर भी 'एंटी चिट्टा रैलियां' आयोजित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस बहुस्तरीय कार्रवाई में सरकार के प्रतिनिधि, पुलिस, विभिन्न विभाग, स्वयंसेवक, विद्यार्थी और समाज के सभी वर्ग एकजुट होकर कार्य करेंगे ताकि हिमाचल को नशामुक्त प्रदेश बनाया जा सके। 

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