Himachal Weather : हिमाचल के सिरमौर में बादल फटने से आई बाढ़, नाले में बहने से व्यक्ति की मौत

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इस तरह की घटनाओं से लोगों में भय और चिंता का माहौल बन गया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
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हिमाचल प्रदेश में मानसून ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इस तरह की घटनाओं से लोगों में भय और चिंता का माहौल बन गया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है। Himachal News, Himachal Weather News

नाहन। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में शुक्रवार रात हुई भारी बारिश और बादल फटने के कारण एक बड़ी त्रासदी सामने आई। आंजभोज की टोरू डांडा आंज पंचायत में नाले में आई बाढ़ में अमान सिंह (48) पुत्र तेलू राम बह गए, जिससे उनकी मौत हो गई। अमान सिंह का शव शनिवार को टौंस नदी में मिला।

अमान सिंह का घर ऊंचाई पर स्थित था, जबकि उनकी पशुशाला गांव के निचले हिस्से में थी। शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे, अमान सिंह अपनी बेटी ग्रेसी चौहान के साथ पशुशाला की स्थिति देखने पहुंचे थे, ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि बाढ़ का पानी उनकी पशुशाला तक नहीं पहुंचा है। जब वे वहां पहुंचे, तो पाया कि नाले का पानी तेज़ी से बह रहा था और उनकी पशुशाला के पास आ गया था।

पिता और बेटी ने मिलकर पानी के बहाव को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश की, लेकिन अचानक पानी का बहाव बहुत तेज हो गया। इस कठिन परिस्थिति में, अमान सिंह ने साहस का परिचय देते हुए अपनी बेटी को बचाने के लिए उसे बाहर धक्का दिया, लेकिन खुद पानी के तेज बहाव में बह गए। ग्रेसी ने तुरंत गांव वालों और पुलिस को घटना की सूचना दी।

शनिवार को पुलिस और गांव वालों ने मिलकर टौंस नदी से अमान सिंह का शव बरामद किया। पांवटा के एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। अमान सिंह के परिवार में उनकी बुजुर्ग माता, पत्नी शांति, पुत्र प्रियांशु और पुत्री ग्रेसी हैं। इस हादसे ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया है।

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इस तरह की घटनाओं से लोगों में भय और चिंता का माहौल बन गया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है। स्थानीय अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। 

हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान इस तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे न केवल जनहानि होती है बल्कि संपत्ति का भी भारी नुकसान होता है। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए और अधिक तैयारियों और उपायों की आवश्यकता है। इस घटना ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान कितना असहाय है, लेकिन मानवता और साहस के बल पर मुश्किल घड़ियों में भी उम्मीद की किरण दिखाई देती है।

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