चम्बा: भरमौर के भरमाणी माता मंदिर में लगी ये पाबंदी, पढ़ लें खबर

अब प्रकृति की गोद में बसी भरमाणी माता मंदिर परिसर के आस-पास शराब लेकर नहीं जा सकते हैं। भरमाणी माता मंदिर परिसर में शराब लाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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वैसे तो पूरे साल भरमौर का मौसम ठंडा रहता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के अन्य स्थानों की तरह यहां पर भी यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून तक होता है। साल के अन्य महीनों की तरह इस समय यहां ज्‍यादा ठंड नहीं पड़ती है। लेकिन अगर आप हिमपात यानी बर्फबारी देखना चाहते हैं, तो दिसम्बर से फरवरी के दौरान यहां की यात्रा कर सकते हैं। बर्फबारी के दौरान भरमौर का तापमान -10 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

भरमौर। हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा तभी पूर्ण मानी जाती है, जब डल झील में जाने से पूर्व माता भरमाणी के दरबार में हाजिरी लगाई हो। भरमाणी माता का मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रसिद्ध धार्मिक पर्टयन स्थल भी है। आजकल गर्मियों के सीजन में पर्यटक पहाड़ों की ओर रुख कर रहे हैं। मगर पर्यटक अपने साथ राशब के साथ ही अन्य कई प्रकार की सामग्री लेकर जा रहे हैं, जिनका प्रकृति की गोद में बैठकर उपभोग कर रहे हैं।

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मगर अब प्रकृति की गोद में बसी भरमाणी माता मंदिर परिसर के आस-पास शराब लेकर नहीं जा सकते हैं। भरमाणी माता मंदिर परिसर में शराब लाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर कोई मंदिर परिसर में शराब लेकर प्रवेश करता है तो उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई जाएगी। भरमाणी माता मंदिर के पुजारियों, सचुई, मलकोता तथा बाड़ी के लोगों ने भरमाणी माता मंदिर परिसर में पुजारियों की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है। 

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मलकौता गांव के निवासियों में सिकंदर, कुलदीप, अर्जुन, रवि, मुंशी, चौकस तथा कुंज लाल ने बताया कि मंदिर में शराब प्रतिबंधित करने का फैसला बहुत बढ़िया है। मंदिर परिसर में जगरातों, मुंडन तथा अन्य अनुष्ठानों का आयोजन होता रहता है। इस दौरान कई बार शराबियों द्वारा कई धार्मिक मान्यताओं की अवहेलना की जाती है, जिसको ध्यान में रखते हुए मंदिर कमेटी, पुजारियों तथा स्थानीय लोगों ने शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। 
 

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