महाभारत के संजय की दिव्यदृष्टि से कम नहीं कैप्टन संजय पराशर की दूरदृष्टि, पढ़िए ये रिपोर्ट

कैप्टन संजय पराशर अपनी दूरदृष्टि से मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अपनी सामर्थ्य से समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों को मदद मुहैया करवा रहे हैं।
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Captain Sanjay Prashar कैप्टन संजय पराशर गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। कैप्टन संजय पराशर की दूरदृष्टि महाभारत के संजय की दिव्यदृष्टि से कम नहीं है। महाभारत के संजय ने जहां महल में बैठकर धृतराष्ट्र को युद्ध का आंखों देखा हाल सुनाया था वहीं, कैप्टन संजय पराशर भी अपनी दूरदृष्टि से मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अपनी सामर्थ्य से समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों को मदद मुहैया करवा रहे हैं। पराशर ने ऐसे कई परिवारों की मदद की है जो बीमारी के कारण अपने परिवार के सदस्यों का उपचार करवाने में असमर्थ थे। ऊना अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ. पूजा कौशल ने बताया कि कैप्टन संजय पराशर की ओर से अस्पताल में भेजे गए 128 से ज्यादा मरीजों को उपचार दिया गया है।

चिंतपूर्णी। कैप्टन संजय पराशर गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। कैप्टन संजय पराशर की दूरदृष्टि महाभारत के संजय की दिव्यदृष्टि से कम नहीं है। महाभारत के संजय ने जहां महल में बैठकर धृतराष्ट्र को युद्ध का आंखों देखा हाल सुनाया था वहीं, कैप्टन संजय पराशर भी अपनी दूरदृष्टि से मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अपनी सामर्थ्य से समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों को मदद मुहैया करवा रहे हैं। पराशर ने ऐसे कई परिवारों की मदद की है जो बीमारी के कारण अपने परिवार के सदस्यों का उपचार करवाने में असमर्थ थे। ऊना अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ. पूजा कौशल ने बताया कि कैप्टन संजय पराशर की ओर से अस्पताल में भेजे गए 128 से ज्यादा मरीजों को उपचार दिया गया है।


आपको बता दें कि कैप्टन संजय पराशर अब तक लगभग 1500 लोगों की आंखों के ऑपरेशन करवा चुके हैं। कैप्टन संजय पराशर जरूरतमंद मरीजों के उपचार के लिए अपने ही संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से संपर्क करने पर जरूरतमंदों को उपचार करवाने में न केवल आर्थिक मदद की बल्कि उनको अस्पताल ले जाने और वापिस घरों तक छोड़ने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कैप्टन संजय पराशर की बदौलत अब तक कई परिवारों के सदस्यों को न केवल उपचार मिला बल्कि पराशर की टीम लगातार मरीज के संपर्क में रहकर उसके स्वास्थ्य का फीड़बैक भी ले रही है, ताकि जरूरत पड़ने पर बीमार की फिर उपचार करवाया जा सके।


ऊना अस्पताल में चिकित्सक पूजा कौशल ने बताया कि कैप्टन संजय पराशर की ओर से हलेड़ पंचायत के सुरेश कुमार पुत्र विशन दास को ऊना अस्पतला में भेजा गया था। जांच में पता चला कि पहले उसका एक्सीडेंट हुआ था और ब्रेन में इंजरी हुई थी। परीक्षण के दौरान भी ब्रेन इंजरी की हिस्ट्री सामने आई। पीजीआई चंड़ीगढ़ और एम्स दिल्ली से संपर्क कर उपचार के संबंध में डिस्कस किया गया और सुरेश कुमार को चड़ीगढ़ रेफर किया गया है। उन्होंने बताया कि सुरेश का अब चंडीगढ़ में रुटीन चेकअप में उपचार चल रहा है। चंडीगढ़ जाने पर जाने-आने और ठहरने की व्यवस्था कैप्टन संजय पराशर की ओर से की गई थी।  वहीं, अलोह पंचायत के 45 वर्षीय राकेश कुमार ब्रेन इंजरी हिस्ट्री के लिए चेपअप करवाने के लिए कैप्टन सहयोग कर रहे हैं।


संजय पराशर के सहयोग से पीजीआई चंडीगढ़ उपचार करवाने के लिए जाने वाले सुरेश कुमार, पंकज, राकेश और पुष्पा देवी के परिजनों ने कहा कि कैप्टन संजय सामाजिक सरोकारों को लेकर क्षेत्र में बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं। जरुरतमंद लोग उनसे संपर्क कर अब समस्या बता रहे हैं तो तुरंत उनकी टीम सहयोग दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन संजय पराशर समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के साथ वह हर पल खड़े नजर आते हैं। कोरोना काल में उन्होंने दिन-रात संक्रमित मरीजों की सहायता की। अब भी वह गरीब परिवारों के सबसे बड़े मददगार हैं। कैप्टन संजय कहते हैं कि मैं वही करता हूं जो मुझे करना चाहिए। समाज का हिस्सा हूं और लोगों की हालात और कठिनाइयों को समझ सकता हूं, जिनसे वे गुजरते हैं... मैं समझता हूं, उनकी मदद करना मेरा कर्तव्य है।

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