झील में डूबे ऐतिहासिक मंदिरों का होगा पुनर्स्थापन, तकनीकी टीम ने किया निरीक्षण

जिला प्रशासन और लार्सन एंड टरबो (एलएंडटी) कंपनी की टीम ने किया गोबिंदसागर झील का संयुक्त निरीक्षण
 
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बिलासपुर में गोबिंसागर झील का निरीक्षण करती प्रसासन और कंपनी की टीम

बिलासपुर।  जिला प्रशासन और लार्सन एंड टरबो (एलएंडटी) कंपनी की टीम ने गोबिंदसागर झील का निरीक्षण किया। झील में समा चुके बिलासपुर के ऐतिहासिक मंदिरों के पुनर्स्थापन के लिए 1,400 करोड़ रुपये की परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। इसकी डीपीआर तैयार करने के लिए चिह्नित स्थानों का निरीक्षण किया गया।

उपायुक्त पंकज राय ने बताया कि इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए लार्सन एंड टबरो कंपनी की तकनीकी टीम ने प्रशासन के साथ चिह्नित स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि योजना को तीन चरणों में कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से पूरा किया जाएगा।

परियोजना के पहले चरण में इन मंदिरों को नाले का नौण में पुनर्स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसी परियोजना के दूसरे चरण में सांडू के मैदान को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में मंडी भराड़ी के पास बैराज बनाकर मंदिरों के आसपास एक जलाशय बनाया जाएगा। इसमें रिवर फ्रंट और वॉकवेज आदि विकसित किए जाएंगे।

उपायुक्त ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से जहां बिलासपुर एक आदर्श पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा, वहीं इससे बिलासपुर का पुराना इतिहास और संस्कृति भी पुनर्जीवित होगी। इससे बिलासपुर के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग चंद्र शर्मा, सहायक आयुक्त उपायुक्त गौरव चौधरी,  पीओडीआरडीए और राजस्व विभाग की टीम और लार्सन एंड टरबो (एलएंडटी) कंपनी  की टैक्नीकल टीम उपस्थित रही।

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