बिलासपुर : अनसूचित जाति, अनसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग की बैठक सम्पन्न

बैठक में प्रदेश स्तर के मोर्चा के अधिकारी और जिला सतर के मोर्चा के अधिकारी एवं विकास खंड घुमारवीं के अध्यक्ष  दिला राम  सहित कई पदाधिकारी उपस्थित हुए।
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 बैठक का आयोजन

बिलासपुर । अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक सयुक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश द्वारा जिला बिलासपुर की उपतहसील भराड़ी के अंतर्गत ग्राम पंचायत हटवाड के गांव हटवाड में बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में प्रदेश स्तर के मोर्चा के अधिकारी और जिला सतर के मोर्चा के अधिकारी एवं विकासखंड घुमारवीं के अध्यक्ष  दिला राम  सहित कई पदाधिकारी उपस्थित हुए और गांव वालों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। 

 बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों  के परिवारों को आ रही समस्याओं के बारे में चर्चा की गई। जिसमें पाया गया कि आज भी कई गांव में  सार्वजनिक स्थानों पर छुआछूत का बोलबाला छाया हुआ है ।  जिसके कारण आज भी कई प्रकार के अंधविश्वास भगत मुगल शासन और ब्रिटिश शासन की बातें करते हैं।  जबकि वैज्ञानिकों का समय है इस समय जो न्याय प्रणाली हर चप्पे-चप्पे पर नजर रखती है और सरकारों के सहयोग से विकास करवाए जा रहे हैं। 
फिर भी कई गांव के क्षेत्रों में आज अनुसूचित जाति की पलगरियों का विकास या तो किया नहीं जाता या फिर अधर में लटका हुआ है या फिर जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की स्कीमों को अनुसूचित जाति के गांव में लागू करना होता है।  उसके लिए कुछ लोग कई प्रकार की एनओसी न देना या फिर अपने क्षेत्र से होकर के उस योजना को लागू करवाने के लिए उपरोक्त परिवारों से अपने क्षेत्र में विकास करवाने के लिए बहलाने फुसलाने का काम करते हैं ।
जिसके कारण जिन परिवारों और जिस क्षेत्र को उपरोक्त स्कीमों का लाभ मिलना चाहिए उनको सही ढंग से लाभ नहीं मिल पा रहा है,  जिसके कारण आज भी एससी एसटी ओबीसी की कई पलंगरिया विकास से बेखबर हैं । इसलिए हमारा मोर्चा सरकार से मांग करता है कि जहां भी एससी एसटी ओबीसी के लोगों के लिए जो विकास कार्य किए जाते हैं उस पर सरकार और प्रशासन को भी ध्यान देना चाहिए कि क्या यह पैसा सही स्थान पर लग रहा है या नहीं। क्योंकि दबे कुचले लोगों को कई अमीर लोग उनकी स्कीमों को उनकी स्कीमों से अपने क्षेत्र में विकास करवाते हैं और वह गरीब परिवार वही के वही ही रह जाते हैं।
इसके लिए कमेटी तैयार करके उनका निरीक्षण किया जाए कि क्या हकीकत में कमजोर वर्गों को लाभ मिल रहा है या नहीं । यदि किसी स्कीम को किसी अन्य स्थान पर लागू किया जा रहा हो तो सरकार उसे तुरंत एक्शन लेकर बंद करवाएं और यदि ग्रामीण इलाके में अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किसी प्रकार का विकास के मामले में मतभेद किया जा रहा तो भी सरकार और प्रशासन उन को न्याय दिलाए । 

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