हिमाचल की अफसरशाही में पड़ी दरार ने बढ़ाई जयराम सरकार की परेशानी

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और प्रधान सलाहकार निशा सिंह और संजय गुप्ता ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  हिमाचल मूल के अफसर भी इस मामले में अंदरखाते अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। 
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जयराम सरकार हिमाचल

शिमला  ।  हिमाचल प्रदेश की अफसरशाही में पड़ी दरार ने जयराम सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। चुनावों से कुछ माह पहले मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर अफसर गुटों में बंट गए हैं। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और प्रधान सलाहकार निशा सिंह और संजय गुप्ता ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हिमाचल मूल के अफसर भी इस मामले में अंदरखाते अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। आने वाले दिनों में राज्य सचिवालय में बैठे कई अन्य अफसर भी पत्र बम जारी कर सकते हैं। अफसरों में व्याप्त इस असंतोष को दूर करने के लिए सरकार को समय रहते कदम उठाने की जरूरत है।

कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को हाथों-हाथ लेते हुए सरकार पर हमले करना शुरू कर दिए हैं। जनवरी 2023 में मुख्य सचिव बनने के लिए की जा रही लॉबिंग से इस पूरे घटनाक्रम को जोड़ा जा रहा है। वर्तमान मुख्य सचिव आरडी धीमान का कार्यकाल 31 दिसंबर 2022 को समाप्त होना है। ऐसे में नया मुख्य सचिव कौन होगा, इसको लेकर जद्दोजहद शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार ने आरडी धीमान को मुख्य सचिव बनाने के लिए दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों निशा सिंह और संजय गुप्ता को सुपरसीड किया है।

रामसुभग सिंह के मुख्य सचिव पद को छोड़ने के बाद सरकार ने हिमाचल मूल के अधिकारी आरडी धीमान को मुख्य सचिव नियुक्त किया है। अब आरडी धीमान की सेवानिवृत्ति के बाद प्रदेश में नया मुख्य सचिव बनने के लिए अफसरों के बीच द्वंद्व शुरू हो गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं कार्मिक प्रबोध सक्सेना का नाम दागी अफसरों की सूची में डालने के लिए एक आवेदन बीते दिनों हाईकोर्ट में दायर किया गया है।

आरडी धीमान के बाद वरिष्ठता में प्रबोध सक्सेना का नंबर है। हाईकोर्ट में दिए गए आवेदन को प्रबोध सक्सेना को मुख्य सचिव पद पर नियुक्त नहीं होने देने की कवायद से जोड़ कर देखा जा रहा है। बीते रोज आईएएस निशा सिंह के पत्र ने सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा कर दिया है। 

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