बतौर टीजीटी 8 साल सेवाकाल की शर्त का हो पालन : टीजीटी कला संघ

टीजीटी से प्रवक्ता व हेडमास्टर प्रमोशन से बाहर हुए अनेक शिक्षक , टीजीटी और प्रमोती प्रवक्ता से हेडमास्टर पदोन्नति सूचे देखें तो 170 प्रमोटी प्रवक्ता , 62 टीजीटी साईन्स और 8 टीजीटी आर्ट्स शिक्षक हेडमास्टर बने हैं ।
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TGT Teacher

हमीरपुर ।   टीजीटी व पदोन्नत प्रवक्ता को सूबे में हेडमास्टर पदोन्नति का अवसर मिलता है और हेडमास्टर के लिए तय भर्ती पदोन्नति नियमों में नियम 11 के अनुसार बतौर टीजीटी 8 साल सेवाकाल की शर्त तय है । ऐसे में इस शर्त का कड़ाई से पालन करने के आदेश हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने याचिका संख्या सीडब्ल्यूपी 5501/2022 अविनाश चंद्र बनाम हिमाचल सरकार मामले में 12 सितंबर  2022 को दिए थे।  लेकिन उसी शाम को जारी हेडमास्टर सूची में 37 ऐसे शिक्षक प्रमोट हुए हैं जिनकी सेवाएँ बतौर टीजीटी 8 साल नहीं थीं । इनका वरिष्ठता क्रमांक 5500 से 6900 के बीच है । ऐसे में शिक्षा विभाग और सरकार को इस पदोन्नति सूची का पुनरीक्षण हाईकोर्ट के विभिन्न मामलों के आधार पर करना चाहिए ।

यह मांग राजकीय टीजीटी कला संघ प्रदेश महासचिव विजय हीर ने शिक्षा विभाग से की है ।  संघ का कहना है कि 8 साल सेवाकाल की अनिवार्य शर्त मामले में चल रहे अविनाश चंद्र मामले के अलावा हाईकोर्ट में चल रहे सीडब्ल्यूपी 5987/2022  धर्मं देव बनाम हिमाचल सरकार और सीडब्ल्यूपी 4773/2021 देव राज बनाम हिमाचल सरकार के तहत यह पुनरीक्षा आवश्यक है । अगर इस शर्त में कोई छूट दी गई है तो उसका पत्र भी विभाग को अपनी वेबसाईट के माध्यम से सार्वजनिक करना चाहिए,  ताकि शिक्षक संतुष्ट हो सकें और पदोन्नति प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़े ।

इसके अलावा वर्ष शिक्षा विभाग ने वर्ष 2012 में एक अधिसूचना जारी की थी जिसके अनुसार 19 अगस्त  2011 से पूर्व स्नातकोत्तर डिग्री कर चुके शिक्षकों को टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति में न्यूनतम अंकों की शर्त से मुक्ति दी गई है । इस छूट का लाभ केवल उन टीजीटी को ही दिया जा रहा है जो 19 अगस्त 2011 से पहले टीजीटी के रूप में नियुक्त थे । इस तिथि के बाद नियुक्त टीजीटी और जेबीटी या सी एंड वी से प्रमोट होकर बने टीजीटी को इस छूट का लाभ नहीं दिया गया है । इसके चलते दर्जनों टीजीटी प्रवक्ता पदोन्नति से बाहर हो गए हैं ।

प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में 35 टीजीटी शिक्षकों को बीएड और स्नातकोत्तर अर्हता के लिए वर्ष 2011 में तय अंकों में विशेष छूट 26 नवंबर,2020 को प्रदान की थी और इनकी तर्ज़ पर ही इस छूट का लाभ वे शिक्षक मांग रहे हैं जिनको हाल ही में प्रवक्ता पदोन्नति से वंचित किया गया है । यह मामला भी हाईकोर्ट में है और शिक्षा सचिव को इस बारे में निर्णय लेना है ।

पदोन्नति से वंचित शिक्षक चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने नीरज राय बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय व एनसीटीई के द्वारा प्रवक्ता पद की अर्हता अनुसार भर्ती पदोन्नति नियम बदले जाएँ और वर्ष 2011 से पहले स्नातक , स्नातकोत्तर , बी0एड0 आदि कर चुके शिक्षकों को छूट का लाभ मिले जिसमें यह शर्त न लगे कि इनकी नियुक्ति या पदोन्नति 19 अगस्त, 2011 के उपरांत हुई है ।

हेडमास्टर पदोन्नति में मिली केवल निराशा

टीजीटी और प्रमोती प्रवक्ता से हेडमास्टर पदोन्नति सूचे देखें तो 170 प्रमोटी प्रवक्ता , 62 टीजीटी साईन्स और 8 टीजीटी आर्ट्स शिक्षक हेडमास्टर बने हैं । प्रमोटी प्रवक्ता का शेष कैडर 500 के करीब है और टीजीटी कैडर 16318 शिक्षकों का है । मगर हेडमास्टर पदोन्नति में तो 68 प्रतिशत पदों पर प्रमोटी प्रवक्ता , 25 प्रतिशत पदों पर टीजीटी साईन्स और 7 प्रतिशत पदों पर टीजीटी आर्ट्स शिक्षक हेडमास्टर बने हैं । इस तरह टीजीटी कैडर बड़ा होने पर भी हाशिये पर है क्योंकि प्रमोटी प्रवक्ता और टीजीटी के लिए पदोन्नति अनुपात भी 10 साल में तय नहीं हुआ है ।

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