पंचायतों में बनाई गई गौशाला की व्यवस्था चल रही राम भरोसे

पंचायतों में गौशाला में बंधे पशु बिना देखरेख के  भूख से मरने को हो रहे मजबूर
 | 
 गौशाला की व्यवस्था व पशु

हमीरपुर।  सरकार ने लाखों रूपये खर्च कर पशु संरक्षण को लेकर पंचायतों में गौशाला तो बनाई गई है, लेकिन इनका रखरखाब की व्यवस्था राम भरोसे से चल रहा है। पंचायतों में आवारा पशु के लिए बनाई गई गौशालाओं में बंधे पशु किसी देख रेख के बिना भूख से मरने को मजबूर हो रहे है। ऐसा ही एक मामला बड़सर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सठवीं के झोरघाट मे बनी गौशाला में देखने को मिल रहा है।

बताया जा रहा है कि हमीरपुर और बिलासपुर जिला के सीमांत क्षेत्र पर बनी इस गौशाला की व्यवस्था पंचायत की एक कमेटी संभाल रही है।  कमेटी ने इससे पूर्व किसी स्थानीय युवक को इस गौशाला की व्यवस्था के लिए रखा था, लेकिन आपसी टकराब के चलते कुछ समय बाद उस युवक को इसकी व्यवस्था से हटा दिया गया है। अब इस गौशाला की व्यवस्था व पशुओं की देख रेख के लिए बाहरी प्रांत के लोगों को सौंपा गया है।

गौशाला व पशुओं का जिम्मा संभाल रहे ये बाहरी प्रान्त के लोग सही व्यवस्था न होने के चलते  पशुओं की तरफ  कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहे है। जिसके चलते गौशाला मे बंधे पशु भूख से मरने को मजबूर हो रहे है। पूर्व में कार्य कर रहे युवक ने बताया कि इससे पूर्व भी बीस के करीब पशु अव्यवस्था के चलते मर चुके है। वहीं गौशाला के लिए बनी कमेटी भी इन पशुओं की देख रेख को लेकर गंभीर नहीं है।


बताते चलें कि बड़सर क्षेत्र के किसानों की फसलों को आवारा पशुओं से  बचाने तथा गौ संरक्षण के उदेश्य से पंचायतों में गौशाला तो बना दी है। लेकिन इन गौशाला को चलाने की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। जिस कारण लाखों रूपये खर्च कर बनाई गई गौशालाओं मे सही से रख रखाब नहीं हो पा रहा है। ऐसे मे सरकार द्वारा खर्च किया गया लाखों करोड़ों रूपये की बराबादी हो रही है, जिसका आखिर जिम्मेदार कौन है। यह सबाल क्षेत्र के हर बुद्धिजीवी के मन को ठिठोर रहा है।

लोगों ने सरकार व प्रशासन पर सबाल उठाश है कि यदि पशुओं को बाँधकार मरने के लिए छोड़ देने के लिए गौशालाओं का निर्माण किया है तो इससे ये वेजुबांन खुले मे ही ठीक थे,  कम से कम अपना पेट तो भर रहे थे। उन्होंने पंचायत व कमेटी को भी गौशाला की व्यवस्था को लेकर कटखडे में खड़ा किया है। इन पशुओं को एक छत के नीचे संरक्षण करना था, लेकिन यहां उचित व्यवस्था न होने के कारण पशुओं की हालत दयनीय है। 


उधर ग्राम पंचायत सठवीं प्रधान किरण कौर ने बताया कि  झोरघाट में सरकारी खर्च से गौशाला का निर्माण करवाया गया है। इसकी व्यवस्था कमेटी के हाथों में है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व गौशाला में पशु मरे है, इस बारे उन्हें कोई जानकारी नहीं है।  इसके बारे कमेटी ही कुछ बता सकती है। 


उधर एसडीएम बड़सर शशीपाल शर्मा ने बताया कि सठवीं पंचायत के झोरघाट में बनी गौशाला की कुव्यवस्था के बारे आपके माध्यम से जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि यदि गौशाला में बंधे वेजुवान भूख व अव्यवस्था के कारण मरने की देहलीज पर है तो इस बारे जांच की जाएगी।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।