विकास खंड बिझड़ी के जिला परिषद एसोसिएशन हड़ताल को लेकर हुई दोफाड़

ब्लॉक अध्यक्ष और दो अन्य पदाधिकारिओं को कार्यकारिणी से हटाया, संजय कुमार को सौम्पी बिझड़ी के अध्यक्ष की कमान 
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जिला परिषद एसोसिएशन हड़ताल
हमीरपुर ।   विकास खंड बिझड़ी की जिला परिषद के कर्मचारियों की हड़ताल ने एक नया मोड़ ले लिया है। सरकार द्वारा कर्मचारियों से बात करने के लिए अगस्त महीने तक का समय माँगा था, परन्तु कर्मचारी नोटिफिकेशन जारी करने की जिद पर अड़े थे और शनिवार को  उनकी हड़ताल 12 वें दिन में प्रवेश कर चुकी थी। इसी बीच कुछ कर्मचारी सरकार के इस निर्णय के पक्ष में दिख रहे थे कि इसके लिए एक कमेटी का गठन कर हल निकाला जायेगा।
      

इसी मतभेद के चलते विकास खंड बिझड़ी के   जिला परिषद काडर कर्मचारी  दिनेश कुमार जो कि जिला परिषद काडर कर्मचारी संघ ब्लाक बिझड़ी के अध्यक्ष थे को संघ से निष्कासित कर दिया गया। इसके साथ ही कार्यकारिणी के मुख्य सलाहकार रहे सुरेंद्र कुमार तथा राजीव कालिया पंचायत सचिव सौर संघ के सदस्य को भी कार्यकारिणी से निष्कासित कर दिया गया।  इस बात की पुष्टि ब्लॉक बिझड़ी के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार ने की।

उन्होंने बताया कि संघ के सदस्यों में इस बात को लेकर रोष पनप रहा था कि उपरोक्त तीनों सदस्यों ने संघ  के सदस्यों की पीठ में छुरा घोंप कर पेन डाउन स्ट्राइक से पीछा छुड़ा लिया था और खंड विकास अधिकारी के समक्ष अपनी सेवा उपस्थिति दर्ज करा दी थी। जिस पर संघ के सभी सदस्यों ने एकमत से आपातकालीन बैठक बुलाकर संजय कुमार को कार्यकारी अध्यक्ष चुना। संजय कुमार इससे पूर्व कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष थे। बैठक के उपरांत कार्यकारी अध्यक्ष ने संघ के सदस्यों को विश्वास दिलाया कि वह संगठन के साथ पूरी निष्ठा से जुड़े हुए हैं ।

संघ के सदस्यों भावनाओं का आदर करते हुए उनकी हर समस्या को संगठन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाएंगे। उन्होंने पूर्व में अध्यक्ष , मुख्य सलाहकार तथा सदस्य द्वारा किए गए अमर्यादित कृत्य की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बेहतर होता यदि पूर्व अध्यक्ष सबके समक्ष अपने पद से इस्तीफा देते हुए अपनी सेवा उपस्थिति दर्ज करवाते। परंतु उन्होंने संघ के साथ विश्वासघात किया। भविष्य में संघ का इन लोगों से किसी तरह का भी कोई सरोकार नहीं होगा।

वहीं कार्यकारिणी से हटाए गए दिनेश कुमार ने कहा कि जब सरकार ने कर्मचारियों की बात को काफ़ी हद तक मान लिया था और अगस्त तक का समय माँगा था तो पंचयातों में लोगों के कार्य प्रवाभित न हों। इस लिए कार्यकारिणी को हड़ताल के बारे में बिचार विमर्श के लिए कहा, लेकिन जब वो नहीं माने तो मैने खुद ही कार्यकारिणी से आज सुबह ही त्यागपत्र दे दिया था। 

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