श्रावण अष्टमी मेले : दुल्हन की तरह सजा मां नैना देवी का दरबार

कल से शुरू होंगे  श्रावण अष्टमी के मेले; नैना देवी में पुलिस का पहरा, प्रसाद-नारियल चढ़ाने पर रहेगी रोक, 1200 जवान संभालेंगे मंदिर की व्यवस्था 
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श्री नैना देवी मंदिर

बिलासपुर । जिला बिलासपुर  के विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में श्रावण अष्टमी के मेले 29 जुलाई से शुरू हो रहे हैं। सावन मेले के दृष्टिगत नयनादेवी क्षेत्र के सुरक्षा प्रबंध को मजबूत कर दिया गया है। माता नयनादेवी के मंदिर को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है जिसकी छटा देखते ही बनती है। इस महापर्व में जिला प्रशासन, मंदिर प्रशासन तथा नगर प्रशासन सहित पंजाब के आनंदपुर तथा रूपनगर प्रशासन भी संयुक्त रूप से कार्य करता है।

इस मेले में आनंदपुर साहिब से लेकर नयनादेवी तक लगभग 100 से ज्यादा लंगर लगे हुए हैं जो श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार उनकी जरूरतों को पूरी करते हैं। यही नहीं जगह-जगह पर भक्तों की टोलियां मां का गुणगान करते हुए दरबार में पहुंचते हैं। सुरक्षा की दृष्टि में नयनादेवी क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया गया है तथा जगह-जगह पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है। पहली बार क्षेत्र में आबंटित नौ सेक्टरों में 18 सेक्टर आफिसर एवं पुलिस के अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जबकि सेक्टर एक से पांच को अति संवेदनशील घोषित किया गया है।

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नयनादेवी में श्रावण अष्टमी के मेलों को सफल बनाने के लिए मंदिर न्यास ने अतिरिक्त 100 से ज्यादा कर्मचारी को अस्थायी रूप से नियुक्त कर लिया गया है जो कि अधिकारियों के दिशा-निर्देश के चलते श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखेंगे, वहीं सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाले नगर परिषद ने भी अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से संभाली है। स्वास्थ्य सुविधा में छह स्वास्थ्य उपकेंद्र लगाए गए हैं जो कि 24 घंटे यात्रियों की सुविधा के लिए दवाइयां मुहैया करवाएंगे। जलशक्ति विभाग ने नयनादेवी में लगभग 70 लंगर एवं लाखों की संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए 20 लाख लीटर पानी प्रतिदिन मुहैया करवाने का निर्णय लिया है।

मंदिर अध्यक्ष राजकुमार ठाकुर बताया कि 29 जुलाई से श्रावण अष्टमी के मेले आरंभ हो रहे हैं तथा छह अगस्त तक चलेंगे। मंदिर के सभी कर्मचारियों के आदेश दिए हैं कि वह यात्रियों के सुख सुविधा का ध्यान रखें तथा अगर किसी भी प्रकार की असुविधा का कोई शिकायत मिलेगी तो उस पर तुरंत कार्रवाई कर दी जाएगी। मंदिर में आगनेय शस्त्र लेने पर प्रतिबंध रहेगा। वहीं मंदिर के अंदर कड़ाह प्रसाद तथा नारियल चढ़ाने पर भी रोक रहेगी।

भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इस बार ड्रोन कैमरे का भी पुलिस प्रयोग करेगी। ड्रोन कैमरे की मदद से हर सेक्टर पर प्रशासन नजर रखेगा तथा भीड़ बढऩे पर वह कंट्रोल रूम से दिशा-निर्देश जारी करेगा।

नयनादेवी के पुलिस अधिकारी पूर्ण चंद ने बताया कि इस बार 1200 पुलिस कर्मी व्यवस्था को संभालेंगे।

श्रावण अष्टमी मेलों में दर्शनों के लिए 22 घंटे खुला रहेगा श्री नयना देवी जी मंदिर

श्रावण अष्टमी मेलों के दौरान 29 जुलाई से छह अगस्त तक श्री नयना देवी देवी जी मंदिर में माता नयना देवी जी की पांच आरतियों की समयसारिणी में बदलाव किया गया है। मंदिर मेलों के दौरान 22 घंटे खुला रहेगा। आम दिनों में सुबह 4 बजे मंगल आरती होती थी, प्रात:कालीन शृंगार आरती सुबह 6 बजे होती थी, इसके अलावा सायंकालीन आरती जो शाम को 7:30 बजे होती थी और 9:30 बजे रात को शयन आरती के समय में फेरबदल किया है।

 

 

 

 

 

 

मेले के दौरान चारों आरतियां रात्रि 12 से 2 के बीच में होंगी। मध्याह्न आरती के समय में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। मेले के दौरान मंदिर के कपाट मात्र ढाई घंटे के लिए ही बंद रहेंगे। अन्य समय में मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले रहेंगे। मंगल आरती में माता नयना को मेवे का भोग लगाया जाएगा जबकि प्रात: कालीन शृंगार आरती में हलवा और बर्फी का प्रसाद दिया जाएगा।

श्री नैना देवी जी में मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 115 लागू

श्री नैना देवी जी मन्दिर में 29 जुलाई 2022 से 6 अगस्त 2022 तक मनाये जाने वाले  श्रावण अष्टमी मेलों के दौरान श्रद्वालुओं की संख्या को नियन्त्रण करने एवं कानून व्यवस्था को उचित ढंग से बनाये रखने हेतु जिला दण्डाधिकारी एवं उपायुक्त बिलासपुर ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 की घारा 115 में प्रद्वत शक्तियों का प्रयोग करते हुए टोबा से श्री नैना देवी जी सड़क मार्ग पर केवल बसों व छोटे वाहनों की आवाजाही के आदेश दिये हैं।

ट्रक, कैन्टर, ट्रैक्टर व टैम्पू इत्यादि पर टोबा से श्री नैना देवी जी की तरफ आने-जाने के लिए मेले के दौरान प्रतिबन्ध जारी रहेगा। इसी प्रकार ट्रक, टै्रक्टर व टैम्पू सवारियों से लदे होगें, उन्हें हिमाचल प्रदेश की सीमा अर्थात गड़ामोड़ा व ग्वालथाई (भाखड़ा) टोबा से आगे श्री नैना देवी जी में आने पर प्रतिबन्ध रहेगा तथा इन स्थानों से श्रद्वालु बसों व टैक्सियों में ही श्री नैना देवी जी आ सकते हैं।

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