चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन पर्ची को ऑनलाइन करने की तैयारी

नई सुविधा के लागू होते ही श्रद्धालु घर बैठे ही अपने मोबाइल से दर्शन की पर्ची बुक करवाकर सीधे मंदिर जा सकेंगे। दर्शन पर्ची को लेकर मंदिर न्यास एक अलग से वेबसाइट बनाने को लेकर विचार कर रहा है। 
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माता चिंतपूर्णी मंदिर

ऊना  ।  माता चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन पर्ची की व्यवस्था को जल्द ही ऑनलाइन करने को लेकर तैयारियां चल रही हैं। नई सुविधा के लागू होते ही श्रद्धालु घर बैठे ही अपने मोबाइल से दर्शन की पर्ची बुक करवाकर सीधे मंदिर जा सकेंगे। दर्शन पर्ची को लेकर मंदिर न्यास एक अलग से वेबसाइट बनाने को लेकर विचार कर रहा है। ऑनलाइन सुविधा में नकल या जालसाजी न हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।

श्रद्धालुओं को मोबाइल में ओटीपी आने के बाद उसे भरने पर ही दर्शन पर्ची जारी की जाएगी।  मंदिर न्यास ऑनलाइन सुविधा को लेकर प्रयास शुरू कर दिए हैं। ऑनलाइन दर्शन पर्ची सिस्टम के लिए विशेष तौर पर मोबाइल एप भी बनाई जा सकती है। इस पर कुछ औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद श्रद्धालु के नाम की दर्शन पर्ची उसके मोबाइल पर ही उसे मिल जाएगी।

उधर, 26 सितंबर से शुरू होने वाले नवरात्र को लेकर माता चिंतपूर्णी मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को पहले की तरह तीन स्थानों पर दर्शन पर्ची की सुविधा दी जाएगी। तीन पर्ची काउंटर एमआरसी की पार्किंग, बाबा श्रीमाईदास सदन और शंभू बैरियर पर लगाए जाएंगे। दर्शन पर्ची वितरित करने के लिए होमगार्ड जवानों को तैनात किया जाएगी। नवरात्र में अगर भीड़ ज्यादा बढ़ जाती है तो कुछ देर के लिए दर्शन पर्ची देना बंद कर दी जाएगी ताकि मन्दिर में जुटी भीड़ को कम किया जा सके।



अतिरिक्त उपायुक्त ऊना डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि जो श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि दर्शन पर्ची के बारे में श्रद्धालुओं को अवगत करवाने के लिए मंदिर न्यास की ओर से मुबारिकपुर से चिंतपूर्णी मंदिर तक उचित स्थानों पर बोर्ड लगाए हुए हैं। मेले में तैनात सुरक्षाकर्मी भी श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची के बारे अवगत करवाते रहेंगे।

उन्होंने बताया कि दर्शन पर्ची ऑनलाइन करने की दिशा में भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु पहली बार आते हैं, उन्हें दर्शन पर्ची के बारे में पता नहीं लग पाता। इसके अलावा दर्शन पर्ची लेने के लिए भी भक्तों को इंतजार करना पड़ता है। ऑनलाइन व्यवस्था से श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।

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