झोरघाट गौशाला की कमेटी व पंचायत को नोटिस जारी

गौशाला की बहतर हालत पर एसडीएम बड़सर ने लिया संज्ञान 
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गौशाला

हमीरपुर ।   उपमंडल बड़सर की पिछड़ी ग्राम पंचायत सठवीं के तहत आते झोरघाट गौशाला की बदतर हालत पर कड़ा संज्ञान लेते हुए एसडीएम बड़सर कार्यालय ने संबधित कमेटी व पंचायत को नोटिस जारी किया है।  इसी मामले मे एसडीएम बड़सर शशीपाल शर्मा ने इससे पूर्व प्रबंधन कमेटी पर लगे आरोपों को लेकर उसे तलब किया था। 


बताते चलें कि बीडीओ बिझड़ी ने भी मामला उजागर होने के बाद झोरघाट गौशाला के निरीक्षण के दौरान अव्यवस्थाओं को पाया तथा एक गाय का कान कटा हुआ पाया था। इसी के आधार पर कुछ हद तक आरोपों की पुष्टि होने के बाद एसडीएम बड़सर ने संबधित प्रबंधन कमेटी को 20 जून तक का समय दिया हुआ है, लेकिन गौशाला की व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। एसडीएम कार्यालय से गौशाला मामले पर पंचायत व प्रबंधन कमेटी को नोटिस जारी हुआ है। जानकारी यह भी है कि सरकारी कार्यालय से जारी इस नोटिस को संबधित पंचायत ने तो रसीव कर लिया है, लेकिन प्रबंधन कमेटी ने खुद को सरकार और प्रशासन से बड़ा होने का परिचय देते हुए इस सरकारी नोटिस को रसीव करने से मना कर दिया है। 

बताया जा रहा है कि झोरघाट गौशाला की वर्तमान व्यवस्था जो कमेटी संभाल रही है, वह रजिस्टर्ड  नहीं है। जो असल में रजिस्टर्ड है उसने उक्त कमेटी को गौशाला की देख रेख के लिए रखा था जो अब बिना रजिस्ट्रेशन के ही खुद को गौशाला की प्रबंधन कमेटी मानकर बैठी हुई है। झोरघाट गौशाला में अव्यवस्थाओं का मामला तब सामने आया जब आए दिन गौशाला में पशुओं के मरने की जानकारी मिली है। वहीं वर्तमान प्रबंधन कमेटी द्वारा पशुओं की देख रेख में  अव्यवस्थाओं को लेकर स्थानीय लोगों ने भी आपत्ति जताई है तथा इस कमेटी को तत्काल प्रभाव से हटाने की सरकार व प्रशासन से मांग की जा रही है। इसको लेकर स्थानीय लोग भी लामबंद हो गए है।

  उल्लेखनीय है कि झोरघाट गौशाला की अव्यवस्थाओं का मामला तब उजागर हुआ जब एक के बाद एक पशुओं की मौत होने लगी।  मीडिया मे मामला उजागर होने के बाद बीडीओ बिझड़ी की टीम से उक्त गौशाला का निरीक्षण किया। जिसमें निरीक्षण टीम ने अव्यवस्थाओं के साथ साथ गौवंश पर हत्याचार के आरोपों की पुष्टि भी कर दी।  प्रबंधन कमेटी पर लगे आरोपों की कुछ हद तक पुष्टि होने के बाद एसडीएम बड़सर ने गौशाला कमेटी को कार्यालय तलब किया,  जिसमें सारी परिस्तिथियों को समझते हुए गौशाला की व्यवस्थाओं के सुधार के लिए कमेटी को कुछ समय दिया है, लेकिन अभी तक हालात जस के तस ही बने हुए।


गौर रहे कि झोरघाट गौशाला मे 41 के करीब पशु है, जिनकी देख रेख के लिए सरकार प्रति पशु 700 रूपये खर्च देती है। लेकिन प्रबंधन कमेटी ने गौशाला की व्यवस्था बाहरी प्रान्त के लोगों के हबाले दे रखी है। जिससे गौशाला मे पशुओं की देखे रेख की व्यवस्था बाहरी लोगों पर ही आधारित है। गौशाला में अव्यवस्थाओं का महौल है। भीषण गर्मी मे सबसे ज्यादा दिक्कत पानी की है, जिसकी व्यवस्था उचित नहीं है। हालांकि गौशाला में पानी की समस्या की बात सामने आने के बाद संबधित पंचायत से उक्त स्थान पर पशुओं के लिए पानी की उचित व्यवस्था हो सके। इसके लिए कारगर कदम उठाते हुए वोर लगाने का प्रस्ताब डाला, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है।


उधर रजिस्टर्ड कमेटी प्रधान अनिल कपलेश ने कहा कि झोरघाट गौशाला की कमेटी की रजिस्ट्रेशन मेरे नाम से है। वर्तमान में जो लोग खुद को कमेटी बता रहे है, उन्हें उस दौरान गौशाला क़ी देख रेख के लिए रखा था। गौशाला में अव्यवस्थाओं का महौल है इस पर प्रशासन ही फैसला कर सकता है।


 वहीं वर्तमान प्रबंधन कमेटी प्रधान विक्रम सिंह ने कहा कि झोरघाट गौशाला में पशुओं की देखभाल सही से की जाती है। गौशाला में कुछ कमियां है जिन्हे दूर करने के प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने कमेटी को  बदनाम करने के लिए साजिश के तहत आरोप लगाए है और जो कमियां है उन्हें पूरा करने के लिए एसडीएम बड़सर से 20 जून तक का समय मिला है।


उधर सठवीं पंचायत प्रधान किरण कौर ने बताया कि झोरघाट गौशाला मामले पर एसडीएम कार्यालय से पंचायत व कमेटी को एक नोटिस एक पत्र मिला है। जिसमें गौशाला की व्यवस्थाओं से संबधित आदेश निर्देश दिए गए है।  पंचायत ने एसडीएम कार्यालय से मिले इन पत्रों का जबाब दे दिया है।

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