सर्पदंश के मामले में झाड़-फूंक न कर, पीड़ित व्यक्ति को सीधे अस्पताल पहुंचाएं : डॉ. विवेक शर्मा

बारिश में बढ़े सर्पदंश के मामले बढ़े, ऐसे रखें सावधानी
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डॉक्टर विवेक शर्मा   मेडिकल ऑफिसर  सिविल अस्पताल टौणी देवी

हमीरपुर ।  बारिश के मौसम में सर्पदंश का डर बना रहता है, इससे बचाव के लिए आवश्यक सावधानी की जरूरत पड़ती है, लेकिन जिले में हर साल बारिश के दिनों में औसतन पांच से अधिक लोगों की मौत हो रही है। इन लोगों की मौत जागरूकता के अभाव में हुई है।

दरअसल ग्रामीण क्षेत्र में सर्पदंश के मामले आने पर झाड़-फूंक का सहारा लिया जाता है। इससे चलते मरीज देर से  अस्पताल पहुंचता है और सर्पदंश पूरे शरीर में फैल जाता है। इससे मौत हो जाती है। वहीं स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन द्वारा भी इसे रोकने का प्रयास जागरूकता द्वारा किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि सांप कांटने के बाद लोग  झाड़-फूंक के चंगुल में न फंसे। बल्कि पीड़ित रोगी को सीधे अस्पताल पहुंचाएं। जागरूकता के अभाव में लोग सर्पदंश के शिकार होते हैं।
ऐसे रखें सावधानी 
इस बारे में सिविल अस्पताल टौणी देवी के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर विवेक शर्मा ने बताया कि सांप के काटते ही कटे हुए स्थान से ऊपर कस कर कपड़ा बांध दें और तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को फोन करें। 108 एंबुलेंस सेवा में सर्पदंश का प्राथमिक उपचार उपलब्ध होता है। डॉक्टर विवेक शर्मा ने बताया कि बरसात में व्यक्ति को स्वयं अलर्ट रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि  जहां आप देख नहीं सकते वहां हाथ एवं पाँव न डालें। पैंट पहनें, खासकर जब घास वाले क्षेत्र में जा रहे हों। 
जहां आप अपने पैर नहीं देख सकते, उस क्षेत्र में प्रवेश करनेसे पहले छड़ी से जांच कर लें। यदि पर्याप्त चेतावनी दी जाए तो सांप हमला करने के बजाए आपसे बचने की कोशिश करेगा। घनी घास वाले रास्तों में चलने से बचें। दरवाज़े पर कदम रखते समय सावधान रहें। अंधेरे में इधर-उधर जाने से बचें, अगर आप रात में बाहर हैं तो हमेशा टॉर्च का इस्तेमाल करें, क्योंकि ज्यादातर सांप गर्म रातों में सक्रिय होते हैं।
डॉक्टर विवेक शर्मा ने कहा कि सांप के काटने पर घबराना नहीं चाहिए तथा पीड़ित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के प्रबंध करने चाहिएं।

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