हिमाचल सरकार के निर्देश : फील्ड में कानूनगो और पटवारी तैयार करेंगे सूखे की रिपोर्ट, 700 पेयजल योजनाओं का गिरा जलस्तर

प्रदेश में कानूनगो और पटवारी फील्ड में जाकर सूखे की रिपोर्ट तैयार करेंगे। प्रदेश सरकार ने सभी उपायुक्तों को इसके निर्देश जारी किए हैं। दो दिन के भीतर कर्मचारी जिला उपायुक्तों को रिपोर्ट देंगे। 
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हिमाचल सूखे की स्थिति।

शिमला । हिमाचल प्रदेश में कानूनगो और पटवारी फील्ड में जाकर सूखे की रिपोर्ट तैयार करेंगे। प्रदेश सरकार ने सभी उपायुक्तों को इसके निर्देश जारी किए हैं। दो दिन के भीतर कर्मचारी जिला उपायुक्तों को रिपोर्ट देंगे। हिमाचल में समय पर बारिश न होने से सूखा पड़ रहा है। सेब के अलावा गेहूं और लहसुन की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा बारिश न होने से प्रदेश में 700 पेयजल योजनाओं का जलस्तर भी गिर चुका है।  सूखे के चलते हिमाचल में 60 फीसदी गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है।

अगर एक सप्ताह के भीतर बारिश नहीं होती है तो स्थिति और गंभीर होने की संभावना है। सूखे को लेकर जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ बैठक होनी थी, लेकिन जनमंच के चलते अब यह बैठक सोमवार को प्रस्तावित है। सेब बहुल क्षेत्र में 7,500 फीट तक ऊंचाई वाले बगीचों में सूखे का ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। गेहूं की फसल पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। किसानों को उनकी मेहनत के मुताबिक फसल नहीं मिली है।

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विभिन्न विभागों के साथ समीक्षा बैठक भी करेंगे। इसके बाद सरकार यह मामला केंद्र से उठाकर राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग करेगी।



सूखाग्रस्त क्षेत्रों में लगेंगे हैंडपंप 


सूखाग्रस्त क्षेत्रों में हैंडपंप लगाने के लिए स्थान चिह्नित करने का निर्णय लिया गया है। विभाग के विशेषज्ञ ऐसे स्थानों को चयनित करेंगे, जहां हैंडपंप लगाए जा सकें। इससे लोगों को पेयजल किल्लत से राहत मिलेगी। सरकार केंद्रीय दल से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की मांग करेगी।

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