धौलासिद्ध प्रोजेक्ट के निर्माण से हिमाचल सरकार को 125 करोड़ का होगा नुकसान

सतलुज जल विद्युत निगम के हमीरपुर में ब्यास नदी पर बन रही धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना से हिमाचल सरकार को करीब 125 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। 
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धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना

हमीरपुर ।  सतलुज जल विद्युत निगम के हमीरपुर में ब्यास नदी पर बन रही धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना से हिमाचल सरकार को करीब 125 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। इस प्रोजेक्ट के लिए जहां पर बांध का निर्माण होगा, उससे जलशक्ति विभाग की 30 बड़ी परियोजनाएं जलमग्न होने वाली हैं। इसमें जिला कांगड़ा की 8 पेयजल स्कीमें, जबकि जिला हमीरपुर की सर्वाधिक 22 परियोजनाएं शामिल हैं।  इन परियोजनाओं के बांध के पानी में समाने से जिला कांगड़ा और हमीरपुर जिले के सैकड़ों गांवों के लोगों को आने वाले समय में पेयजल और किसानों को सिंचाई की समस्या से जूझना पड़ेगा।

जलशक्ति विभाग ने इस नुकसान के बारे में प्रदेश सरकार को विस्तृत रिपोर्ट बनाकर भेज दी है। हमीरपुर की ब्यास नदी पर एसजेवीएन धौलासिद्ध पावर प्रोजेक्ट का निर्माण चल रहा है। कंपनी यहां पर 66 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना बना रही है।  कंपनी ने ब्यास नदी पर बांध बनाने के लिए नदी का रुख मोड़ने के लिए 253 मीटर लंबी सुरंग भी बना दी है। दायां बैंक कांगड़ा जिले में होगा, जबकि बायां बैंक हमीरपुर जिले में आएगा।


 

भारत और हिमाचल सरकार 75:25 के अनुपात में इस प्रोजेक्ट के निर्माण पर करीब 686 करोड़ रुपये खर्च कर रही हैं। इस प्रोजेक्ट के निर्माण से 19 ग्राम पंचायतों के 40 गांव प्रभावित हो रहे हैं। प्रोजेक्ट निर्माण के लिए 57 हेक्टेयर वन भूमि, जबकि 85 हेक्टेयर सरकारी भूमि का प्रयोग हो रहा है। कुल 300 हेक्टेयर क्षेत्र में यह प्रोजेक्ट बन रहा है। गांव सनोटू में पावर हाउस बनेगा। इसके लिए 18 किलोमीटर लंबी ट्रांसमीटर लाइन बिछेगी। 25 नवंबर 2025 तक इस प्रोजेक्ट का कार्य पूरा होना है।

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कांगड़ा जिले की मुख्य तौर पर यह परियोजनाएं होंगी प्रभावित


जिला कांगड़ा के तहत 1.70 करोड़ की लागत से निर्मित कुहन डोल पेयजल योजना, 45 लाख रुपये की डली भूलांदर कुहन योजना, 1.53 करोड़ रुपये की डाडू भूलांदर योजना, 60 लाख रुपये की बेरी पपरोला, 1.43 करोड़ की भेड़ी पपरोला योजना, 1.82 करोड़ रुपये की भाग आलमपुर योजना, 2.46 करोड़ रुपये की जगरूप नगर योजना और 4.10 करोड़ रुपये की कंगैण योजना प्रभावित होगी।


हमीरपुर जिले की मुख्य तौर पर प्रभावित होने वाली परियोजनाएं 


1.22 करोड़ की लागत से नवनिर्मित लंबलू, कल्लर कटोचां और कल्लर पुरोहितां पेयजल योजना, 5.04 करोड़ की समोना पलाही हमीरपुर टाउन योजना, 16.64 करोड़ की लोंगणी हमीरपुर टाउन योजना, 1.87 करोड़ रुपये की एनआईटी हमीरपुर योजना, 84 लाख रुपये की करोट योजना, 1.03 करोड़ की भलेठ, 49 लाख की टिक्कर बल्ला राठियां, 2.57 करोड़ की नया सुजानपुर योजना, 4.64 करोड़ की सुजानपुर पुरानी योजना, 203 करोड़ रुपये की रंगड़, धमड़ियाणा, टिहरा बंडोह योजना, 2.73 करोड़ रुपये की पटलांदर, 1.26 करोड़ की पलाही, 1.15 करोड़ की बीड़ बगेहड़ा योजना शामिल है।



सिंचाई योजनाएं और ट्रीटमेंट प्लांट


हमीरपुर जिले की सिंचाई योजनाओं में 2.36 करोड़ रुपये की लोंगणी मठाण सिंचाई योजना, 1.32 करोड़ की भलेठ, 1.23 करोड़ की डोली, 1.79 करोड़ की पलाही, 96 लाख रुपये की भलेऊ करोट खिड़की योजना, 1.42 करोड़ की भडरियाणा, 1.35 करोड़ की मिहाणा मिहाडपुर और 2.33 करोड़ रुपये की पौड़ सिंचाई योजना शामिल है। विभिन्न पेयजल योजनाओं के 21 परकुलेशन वेल भी बांध में समा जाएंगे। इसके अलावा नगर परिषद सुजानपुर शहर का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी जलमग्न होगा, जिसकी लागत 3.46 करोड़ रुपये है।

 उधर, जलशक्ति विभाग हमीरपुर चीफ इंजीनियर डॉ. श्याम कुमार शर्मा ने बताया कि ब्यास नदी पर बन रहे एसजेवीएन के धौलासिद्ध पावर प्रोजेक्ट के निर्माण के कारण जलशक्ति विभाग की कई पेयजल, सिंचाई योजनाएं जलमग्न होंगी। सुजानपुर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी प्रोजेक्ट के कारण नुकसान पहुंचेगा। जलशक्ति विभाग को होने वाले अनुमानित नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है।

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