Himachal : सुबाथू में 42 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद 161 जवानों ने ली देशसेवा की शपथ, जीटीसी सुबाथू में हुआ समारोह

14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र  सुबाथू में   42 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद रविवार को 161 जवानों ने देशसेवा की शपथ ली। सेना के ऐतिहासिक सलारिया स्टेडियम में सुबह जवान भारतीय सेना की वर्दी में शपथ ग्रहण के लिए पहुंचे।
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सुबाथू में 161 जवानों ने ली देशसेवा की शपथ

सोलन ।  14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र सुबाथू में 42 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद रविवार को 161 जवानों ने देशसेवा की शपथ ली। सेना के ऐतिहासिक सलारिया स्टेडियम में सुबह जवान भारतीय सेना की वर्दी में शपथ ग्रहण के लिए पहुंचे। भारतीय सेना की वर्दी पहन इस पल को देखने के लिए नेपाल से जवानों के अभिभावक भी पहुंचे थे। सेना के जवानों का यह अंतिम बैच है। इसके बाद अब अग्निवीरों का ही प्रशिक्षण होगा। 150 कोर्स के इन जवानों के शपथ समारोह के दौरान कर्नल ऑफ दी रेजीमेंट (अति विशिष्ट सेना मेडल, युद्ध सेना मेडल) से सम्मानित ले. जनरल संजीव चौहान ने दीक्षांत परेड़ का निरीक्षण किया।


इस मौके पर ब्रिगेडियर आरएस राणा भी विशेष तौर से मौजूद रहे।  शपथ ग्रहण समारोह के शुभारंभ पर स्टेडियम में सबसे पहले राष्ट्रीय गान की धुन के साथ तिरंगा लिए सेना की एक टुकड़ी ने एंट्री की। तिरंगे के सम्मान में सेना के अधिकारियों सहित नेपाल से आए जवानों के अभिभावकों ने भी अपने स्थान पर खड़े होकर सलामी दी। इसके बाद ले. जनरल संजीव चौहान ने तीन सितारा सेना के वाहन में दीक्षांत परेड़ का निरीक्षण किया।

वहीं, सेना के धर्मगुरु सूबेदार रामकृष्ण द्विवेदी ने 161 जवानों को भारतीय संविधान का पालन करने के साथ देश की रक्षा की शपथ दिलाई। बेस्ट रेक्रूट का खिताब दीपक छंटेल मगर को दिया गया। जवान को चांदी की खुखरी देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान जवानों की एक टुकड़ी ने अपने शारीरिक फिटनेस का परिचय भी दिया। जवानों ने आग के गोले के बीच छलांग लगाकर दर्शकों की खूब तालियां बटौरी।



 अंत में ले. जनरल संजीव चौहान ने जवानों  को संबोधित किया। उन्होंने सभी जवानों व उनके अभिभावकों को भारतीय सेना का हिस्सा बनने के लिए बधाई देते हुए कहा कि उम्मीद है देश की सेवा में यह पलटन इतिहास रचेगी। इस मौके पर स्टेडियम में कर्नल राजेश महत्ता, कर्नल शारंग पुन, ले. कर्नल राहुल चौहान, सेंटर एसएम विनोद कुमार गुरुंग सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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