Hamirpur : चरस के दो दोषियों को 10 - 10 साल की जेल, एक - एक लाख रुपये जुर्माना

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश-दो) हमीरपुर ने चरस के मामले में नामजद दो आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोनों दोषियों को 10-10 साल के कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 
 | 
court

हमीरपुर  ।  अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश-दो) हमीरपुर ने चरस के मामले में नामजद दो आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोनों दोषियों को 10-10 साल के कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में कुल 16 गवाह अदालत में पेश हुए। तीन मई 2019 को डीएसपी हितेश लखनपाल की अगुवाई में हेड कांस्टेबल नरेश कुमार व अन्य पुलिस कर्मचारियों ने हमीरपुर बाईपास रोड पर नाका लगाया हुआ था। इस दौरान सुबह के समय पुलिस ने एक वाहन को जांच के लिए रोका।  

इस वाहन में आरोपी अश्वनी कुमार हमीरपुर वार्ड नंबर सात निवासी और वार्ड नंबर एक निवासी विशाल कुमार सवार थे। तालाशी के दौरान वाहन से 5.068 किलोग्राम चरस बरामद हुई। इसके बाद पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। मामले की जांच के बाद पुलिस ने हमीरपुर न्यायालय में चालान पेश किया।  

उधर, जिला न्यायवादी कपिल देव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि गवाहों और सुबूतों के आधार पर न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इस मामले में दोषी पाया है। इस पर न्यायालय ने दोनों 10-10 साल के कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।



धोखाधड़ी के आरोप में दो फार्मासिस्टों पर पुलिस में केस दर्ज


 हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग में सेवाएं दे रहे दो वेटरनेरी फार्मासिस्टों के खिलाफ धोखाधड़ी के केस दर्ज हुए हैं। एक के खिलाफ पुलिस थाना नादौन, जबकि दूसरे के खिलाफ पुलिस थाना बड़सर में मामला दर्ज हुआ है। इन दोनों वेटरनेरी फार्मासिस्टों पर जाली प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने का आरोप है। इसकी जांच-पड़ताल पशुपालन विभाग के निदेशालय शिमला से करवाई गई थी। ये दोनों शुरू में चतुर्थ श्रेणी के पद पर भर्ती हुए थे। बाद में इन्होंने बारहवीं कक्षा के प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए और विभाग में ट्रेनिंग के बाद वेटरनेरी फार्मासिस्ट के पद पर पदोन्नत हो गए, लेकिन पड़ताल में दोनों वेटरनेरी फार्मासिस्टों के बारहवीं कक्षा के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।  इसके चलते निदेशालय ने पशुपालन विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक को इन दोनों वेटरनेरी फार्मासिस्टों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे।



वेटरनेरी फार्मासिस्ट राजन जोकि पशु औषधालय बल्ह बिलाह बड़सर में सेवारत है, जबकि दूसरा फार्मासिस्ट विनोद कुमार पशु औषधालय सेरा, उपमंडल नादौन में सेवारत है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत इन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह दोनों फार्मासिस्ट कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। जांच के बाद न्यायालय में चालान पेश किया जाएगा। अगर न्यायालय में आरोप साबित होते हैं तो दोनों को कारावास के साथ ही वेतन भत्तों के रूप में अब तक हासिल सारी रकम की रिकवरी भी होगी।

उधर, पशुपालन विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि निदेशालय ने अपने स्तर पर इस मामले की जांच के बाद पुलिस में मामला दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। इस पर पुलिस में यह दोनों मामले दर्ज करवाए गए हैं। अब आगामी कार्रवाई पुलिस ही करेगी।

उधर, पुलिस अधीक्षक हमीरपुर डॉ. आकृति शर्मा ने कहा कि पुलिस ने थाना बड़सर और नादौन में पशुपालन विभाग के दो वेटरनेरी फार्मासिस्टों के खिलाफ भादंसं की धारा 420 के तहत मामले दर्ज किए हैं। इन दोनों मामलों में आगामी कार्रवाई जारी है।

Tags

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।