शिक्षा हाई पावर कमेटी शीघ्र करें शिक्षक संघों से बैठक : विजय हीर

राजकीय टीजीटी कला संघ ने प्रदेश मुख्य सचिव से शिक्षा हाई पावर कमेटी की बैठक  अविलंब  बुलाने का आग्रह-पत्र  मुख्य सचिव को प्रेषित किया है ताकि 70 हज़ार शिक्षकों के मामलों को भी जेसीसी की तरह सुना जाए।
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महासचिव विजय हीर

हमीरपुर । 28 अप्रैल 2021 को गठित शिक्षा हाई पावर कमेटी शिक्षक संघों से शीघ्र वार्ता आयोजित करे ताकि शिक्षकों के लंबित मसले सुलझाए जा सकें। राजकीय टीजीटी कला संघ ने प्रदेश मुख्य सचिव से शिक्षा हाई पावर कमेटी की बैठक  अविलंब  बुलाने का आग्रह-पत्र  मुख्य सचिव को प्रेषित किया है ताकि 70 हज़ार शिक्षकों के मामलों को भी जेसीसी की तरह सुना जाए। डेढ़ वर्ष से शिक्षक संघों के प्रतिनिधि सरकार द्वारा गठित इस हाई पावर कमेटी से वार्ता की प्रतीक्षा कर रहे हैं।  11 सदस्यों की इस हाई पावर कमेटी  में सरकार ने मुख्य सचिव को अध्यक्ष बनाया है।

वहीं एसीएस प्रिंसीपल सेक्रेटरी फाइनांस, एसीएस प्रिंसीपल सेक्रेटरी पर्सनल, पर्सनल सेके्रटरी लॉ, एसीएस प्रिंसीपल सेक्रटरी एजुकेशन, ज्वाइंट सेक्रेटरी एजुकेशन, स्पेशल सेक्रेटरी फाइनांस रेगुलेशन, ज्वाइंट डारेक्टर एजुकेशन – बी, एडिशनल ज्वाइंट डिप्टी सेक्रेटरी एजुकेशन-सी, उच्च शिक्षा निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक को सदस्य बनाया गया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव विजय हीर ने कहा कि हाई पावर कमेटी ने अब तक शिक्षक संघों के साथ कोई संयुक्त औपचारिक बैठक नहीं की है और अगर अब भी यह बैठक न हुई तो इस कमेटी के गठन का औचित्य भी सवालों के घेरे में आ जाएगा।

संघ ने हाई पावर कमेटी की बैठक हेतु शीघ्र प्रक्रिया शुरू करने की अपील की है क्योंकि शिक्षकों का पक्ष सुने बिना शिक्षक वर्ग हेतु जो निर्णय हो रहे हैं, उनके बारे में चर्चा का अवसर तो मिलना ही चाहिए। ऐसे में अनेकों अनसुलझे मुद्दे शिक्षक वर्ग में निराशा भर देंगे जिससे बचने का एकमात्र रास्ता शिक्षक संघों से शीघ्र वार्ता है। शिक्षक वर्ग की 50 से अधिक ऐसी मांगें हैं जिनको हल नहीं किया जा सका है और वार्ता के बिना ऐसे अनेकों मामले सरकार के ध्यान में  आने की संभावना भी नहीं है।

संघ ने कहा कि केवल पेंशनर्स के कार्य ही नहीं, कर्मचारियों के रूटीन प्रमोशन और अन्य कार्य भी कछुआ चाल के शिकार हैं जिससे सैंकड़ों शिक्षक बिना पदोन्नति सेवानिवृत्त हुए हैं। ऐसे मामलों की भी सरकार को सुध लेनी चाहिए क्योंकि टीजीटी से हेडमास्टर और प्रवक्ता पदोन्नति प्रक्रिया कई में भी पूरी नहीं हो रही और हर बार नए-नए पत्र जारी करके पदोन्नति हेतु आवेदन, एसीआर व विकल्प देने की तिथियाँ आगे सरकाई जा रही हैं और हाईकोर्ट के आदेश भी सरेआम नहीं माने जा रहे।

अगर कर्मचारियों की फरियाद हाईकोर्ट के आदेशों पर भी पूरी नहीं हो रही तो उनके पास अब कौन सा विकल्प बचा है, यह भी सरकार ही तय करे। पहे भी पदोन्नति प्रक्रिया डेढ़ साल में पूरी हुई थी और अब भी पंचायती राज आचार संहिता लग गई मगर 31 मार्च ,22 तक आवेदन जमा करने वाले प्रमोट न हो सके। पदोन्नति हेतु आवेदन जमा करने अंतिम तिथि को अनेकों बार कई सप्ताह तक बढ़ाना है तो उसे अंतिम तिथि का नाम न दिया जाए।

कब बैठक लेंगे शिक्षा निदेशालय व शिक्षा बोर्ड

टीजीटी कला संघ ने शिक्षा निदेशालय में शिक्षक संघों की वार्ता भी बुलाए जाने का आग्रह किया है। शिक्षक संघों के साथ कोविड के बाद औपचारिक बैठकें आयोजित की जानी थीं। शिक्षा बोर्ड में भी इस वर्ष ऐसी बैठकें होनी हैं। विधानसभा चुनावों हेतु आचार संहिता लगने से पहले प्रारम्भिक व उच्च शिक्षा निदेशालय व शिक्षा बोर्ड शिक्षक संघों से वार्ता करते हुए आवश्यक सुधार करें ताकि शिक्षकों की विभागीय मांगें पूरी हो सकें।


 

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