हिमाचल के बल्क ड्रग पार्क में निवेश के लिए तैयार बड़े औद्योगिक घराने, हजारों को मिलेगा रोजगार

बल्क ड्रग पार्क दवाओं में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाली एपीआई जरूरतों को पूरा करने के साथ क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को बदलकर रख देगा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर राज्य सरकार और स्थानीय लोगों को कई फायदे होंगे। 
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ऊना ।   देश के बड़े औद्योगिक घरानों ने ऊना जिले के हरोली विस क्षेत्र में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क में निवेश के लिए इच्छा जताई है। हिमाचल पहले से ही फार्मा सेक्टर के लिए बड़ी मार्केट है। ऐसे में अब बल्क ड्रग पार्क में निवेश करना बड़े घरानों की प्राथमिकता में शामिल है। बद्दी फार्मा सेक्टर के लिए एशिया में प्रसिद्ध है। अब हरोली के दूसरे फार्मा हब में उभरने की उम्मीद है। बल्क ड्रग पार्क दवाओं में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाली एपीआई जरूरतों को पूरा करने के साथ क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को बदलकर रख देगा।

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर राज्य सरकार और स्थानीय लोगों को कई फायदे होंगे। उद्योग विभाग का लक्ष्य है कि 90 दिनों के बजाय 30 दिनों में ही बल्क ड्रग पार्क की डीपीआर जमा करवा दी जाए। बल्क ड्रग पार्क की सैद्धांतिक मंजूरी आने के बाद से ही विभागीय अधिकारी दिन-रात एस्टीमेट बनाने में लगे हैं। फिलहाल, पूरा फोकस प्लानिंग पर है।  करीब 1200 करोड़ बुनियादी ढांचा बनाने में खर्च होंगे।

बुनियादी ढांचे में हरोली विधानसभा क्षेत्र के पोलियां, कुठारबीत, जोडि़यां, मल्लूवाल, टिब्बियां में करीब 14000 कनाल भूमि में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क के लिए चिह्नित की गई है। अधिकतर भूमि पर जंगल है। कुछ जगहों में आबादी भी साथ लगती है। इनमें टिब्बियां, जननी और पजोंया शामिल हैं। उद्योग विभाग अपनी प्लानिंग में मुख्य तौर भूमि के औद्योगिक प्लाट बनाना, सीवरेज, पेयजल सप्लाई, बिजली, सीईटीपी प्रदूषण संबंधित, ठोस कचरा प्रबंधन, ट्रक पार्किगिं, वेयर हाउस, हाउसिंग सेक्टर, कॉमन फेसिलिटी सेंटर शामिल हैं।

उद्योग विभाग सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एस्टीमेट तैयार कर रहा है। चिह्नित भूमि पंजाब से सटी होने के कारण इसका सीधा लाभ पड़ोसी राज्य को नहीं होगा, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर वहां भी काफी असर पड़ेगा। वर्तमान में प्रस्तावित जगह से पांच किलोमीटर की दूरी पर जैंजो रेलवे स्टेशन है। जैंजो स्टेशन पंजाब राज्य के अधीन आता है। प्रत्यक्ष तौर पर सभी प्रकार के टैक्स, बिजली खपत समेत अन्य चीजों का लाभ हिमाचल को होगा। बल्क ड्रग पार्क के लिए इलाके की सड़कों और अन्य कनेक्टिविटी को मजबूत किया जाएगा।

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50 एपीआई यूनिट होंगी स्थापित

एपीआई से संबंधित करीब 50 यूनिट स्थापित होंगी। 25 से 30 अलाइड यूनिट भी स्थापित होंगी। यूनिट की संख्या में बढ़ोतरी भी हो सकती है। अलाइड यूनिट पैकेजिंग, सप्लाई समेत अन्य सहायक चीजों का उत्पादन करेंगी। इस तरह बल्क ड्रग पार्क एक बड़ा औद्योगिक हब के रूप में उभरेगा। यहां ट्रांसपोर्टेशन समेत अन्य कार्य भी बड़े स्तर पर होगा।

नई टाउनशिप होगी विकसित

बल्क ड्रग पार्क स्थापित होने से हरोली के पोलियां बीत क्षेत्र में एक नई टाउनशिप तैयार होगी। यह पूरा क्षेत्र एक अलग रूप में उभरेगा। यहां हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इस टाउनशिप के सहारे हर छोटा से बड़ा कारोबार जुड़ा रहेगा। इसका असर पर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।


उधर  पोलियां बीत  पंचायत प्रधान  राकेश शर्मा  ने कहा कि  क्षेत्र में बल्क ड्रग पार्क लगना किसी सौगात से कम नहीं है। 20 प्रतिशत हिमाचल और 10 प्रतिशत पंचायत के युवाओं को रोजगार की शर्त एनओसी के दौरान रखी जाएगी। कहा कि पार्क से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह का लाभ होगा।



उधर , जिला उद्योग केंद्र संयुक्त निदेशक  अंशुल धीमान ने कहा कि  बल्क ड्रग पार्क की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद विभाग एस्टीमेट तैयार करने में लगा है। प्लानिंग और अन्य चीजों पर फोकस है। डीपीआर जल्द जमा करवाने के लिए काम चल रहा है। परियोजना में कम से कम पेड़ काटने की योजना तैयार की जा रही है।
 



 

उधर , हिमाचल प्रदेश औद्योगिक विकास निगम  उपाध्यक्ष प्रो. राम कुमार  ने कहा कि  परियोजना में करीब 50,000 करोड़ तक निवेश आने की उम्मीद है। 20,000 से अधिक रोजगार के द्वार खुलेंगे। विभागीय टीम इस प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। पहले भी हिमाचल का प्रस्ताव अव्वल रहा है। अब इससे बेहतर बनाने का प्रयास रहेगा। बल्क ड्रग पार्क से दवाओं के दाम में कमी आने के साथ कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। 

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