भाजपा उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा का निधन, नड्डा ने शोक जताया

हिमाचल प्रदेश शहरी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रवीण शर्मा का निधन हो गया है।  वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
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पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा

शिमला  ।  हिमाचल प्रदेश शहरी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रवीण शर्मा का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और आज सुबह अंब स्थित अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 68 वर्ष के थे।  पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की सरकार में वर्ष 1998 में प्रवीण शर्मा आबकारी एवं कराधान मंत्री रहे हैं। तब वे पहली बार विधायक बने थे। प्रवीण शर्मा आपातकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के साथ में जेल में रहे थे।

पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा बताते थे कि उन्होंने आपातकाल का अपने कुछ साथियों सहित विरोध किया। तब मेरी आयु 17 वर्ष थी। मैंने उस समय नेशनल डिफेंस अकादमी का टेस्ट पास कर लिया था, लेकिन देश के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझते हुए मुझसे रहा नहीं गया तथा मैंने एनडीए में जाने के बजाय इंदिरा शासन के तानाशाही रवैये के विरोध में आंदोलन, धरना तथा प्रदर्शन में भाग लेने का निर्णय किया था।


परिणामस्वरूप 1975 के अगस्त महीने में राखी वाले दिन मुझे अन्य साथियों सहित धर्मशाला में गिरफ्तार करके पहले धर्मशाला जेल में, उसके बाद शिमला जेल में भेज दिया। उस समय भारत माता की जय बोलने पर भी जेल की सजा दी गई थी। दबंग नेता के तौर पर प्रवीण शर्मा की पहचान होती थी। उनके निधन पर प्रदेश के सभी नेताओं ने गहरा शोक प्रकट किया है।



प्रवीण शर्मा को कभी नहीं भुलाया जा सकता : नड्डा


भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रवीण शर्मा भाजपा के लिए एक मजबूत नेतृत्व थे और एक उत्कृष्ट चुनाव प्रबंधक थे। उन्होंने 2017 के आम विधानसभा चुनावों में चुनाव अभियान प्रमुख के रूप में कार्य किया। नड्डा ने कहा कि प्रवीण शर्मा 1998 से 2003 की सरकार में मंत्री रहे और पूरे जोश एवं ऊर्जा के साथ राज्य की सेवा की।


मैं उन्हें विधानसभा में एक विनम्र और मृदुभाषी व्यक्ति के रूप में याद करता हूं जिन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र और राज्य के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। वह जिला ऊना के अंब गांव के रहने वाले हैं, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। शर्मा ने देश में लगाए गए आपातकाल के दौरान कड़ी कठिनाइयों का सामना भी किया। नड्डा ने कहा कि पार्टी, समाज और राज्य के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे एक सक्षम प्रशासक और अविस्मरणीय सामाजिक कार्यकर्ता थे।

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