क्षय रोग उन्मूलन अभियान में लाहौल-स्पिति का अव्वल प्रदर्शन, मिल सकता है स्वर्ण

10 सदस्यीय केंद्रीय टीम ने न केवल विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण किया बल्कि क्षय रोग का इलाज करवा रहे रोगियों के अलावा आशा वर्कर से भी फीडबैक हासिल किया। 

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10 सदस्यीय केंद्रीय टीम ने न केवल विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण किया बल्कि क्षय रोग का इलाज करवा रहे रोगियों के अलावा आशा वर्कर से भी फीडबैक हासिल किया। 

केलांग। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन अभियान के तहत बेहतरीन प्रदर्शन के चलते लाहौल-स्पिति जिले को राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक मिलने की पूरी संभावना बन गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अभियान के तहत जिले में संचालित विभिन्न गतिविधियों के जमीनी आकलन के लिए विशेष तौर पर केंद्र से आई एक टीम ने भी 2 दिन का दौरा किया है। उप महानिदेशक डॉ. सुदर्शन मंडल की अगुवाई वाली 10 सदस्यीय टीम ने न केवल विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण किया बल्कि क्षय रोग का इलाज करवा रहे रोगियों के अलावा आशा वर्कर से भी फीडबैक हासिल किया। 


उपायुक्त लाहौल-स्पिति नीरज कुमार ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षय रोग उन्मूलन अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर खुशी जाहिर करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मदन बंधु, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ जगदीश और जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ रंजीत वैद्य  के अलावा स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रदर्शन से जिले को स्वर्ण पदक प्राप्त होने की पूरी संभावनाएं बन गई हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मदन बंधु ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन अभियान की उपायुक्त नीरज कुमार द्वारा भी निरंतर समीक्षा की जाती रही है।

सीएमओ ने बताया कि केंद्र से आई टीम के समक्ष विभाग द्वारा एक प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया गया। टीम ने बाकायदा लेबोरेट्री का निरीक्षण किया और रिकॉर्ड भी जांचा। टीम ने इसके अलावा लाभार्थियों से भेंट की और अभियान के बारे में उनके अनुभवों को जाना। उन्होंने कहा कि केंद्र की टीम अभियान के कार्यान्वयन के हर पहलू को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 के बेसलाइन सर्वे के मुताबिक प्रति एक लाख की आबादी पर क्षय रोगियों की संख्या को 80 फीसदी तक नीचे लाने पर केंद्र द्वारा स्वर्ण पदक दिया जाता है। इस लक्ष्य को जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा हासिल किया गया है। 

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