कंगना रनौत: हिमाचल प्रदेश महिला आयोग ने लिया स्वतः संज्ञान, एनसीडब्ल्यू को लिखा पत्र

शिमला। फिल्म ऐक्ट्रेस कंगना रनौत के साथ हैरसमेंट वाली मीडिया रिपोर्ट्स को हिमाचल प्रदेश महिला आयोग ने गंभीरता से लिया है। मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए आयोग ने राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि फिल्म अभिनेत्री के साथ हुए कथित उत्पीड़न के मसले को आयोग संबंधित प्राधिकारियों के
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कंगना रनौत: हिमाचल प्रदेश महिला आयोग ने लिया स्वतः संज्ञान, एनसीडब्ल्यू को लिखा पत्र

शिमला। फिल्म ऐक्ट्रेस कंगना रनौत के साथ हैरसमेंट वाली मीडिया रिपोर्ट्स को हिमाचल प्रदेश महिला आयोग ने गंभीरता से लिया है। मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए आयोग ने राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि फिल्म अभिनेत्री के साथ हुए कथित उत्पीड़न के मसले को आयोग संबंधित प्राधिकारियों के सामने उठाए। आयोग ने पत्र की एक प्रति महाराष्ट्र महिला आयोग को भी भेजा है।

गौरतलब है कि बीते दिनों महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बयान देने के बाद कंगना रनौत के मुंबई स्थित ऑफिस में बीएमसी ने तोड़फोड़ की थी। इसके बाद मामले पर सियासत तेज हो गई थी। बीजेपी समेत तमाम विपक्षी दलों ने उद्धव सरकार की जमकर आलोचना की। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र की सत्ता में साझीदार एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने भी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई। महाराष्ट्र के गवर्नर ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुख्य सलाहकार को तलब किया और मामले की निंदा की।

प्रदेश महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया मामला

अब इस मामले को हिमाचल प्रदेश महिला आयोग ने भी गंभीरता से लिया है। एनसीडब्ल्यू को लिखे पत्र में प्रदेश महिला आयोग के सदस्य सचिव संदीप नेगी ने कहा कि उन्होंने बीएमसी, मुंबई पुलिस और राजनीतिक नेताओं द्वारा रनौत के खिलाफ कथित उत्पीड़न की घटनाओं पर मीडिया में आई खबरों को स्वतः संज्ञान लिया है। रनौत का संबंध हिमाचल प्रदेश से है और आयोग की मंशा मुद्दे को आपके (एनसीडब्ल्यू के) कार्यालय के समक्ष उठाने की है, ताकि मामले को संबंधित प्राधिकारियों के सामने उठाया जा सके।

राज्य महिला आयोग ने लिखा पत्र

आयोग ने बताया कि एनसीडब्ल्यू को लिखे पत्र की एक प्रति महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग को भी भेजी गई है। बता दें कि कंगना और शिवसेना नेता संजय राउत के बीच तीखी बहस हुई थी। कंगना ने मुंबई को पीओके बताते हुए असुरक्षा जाहिर की थी। इसके बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से कंगना को वाई श्रेणी की सुरक्षा के लिए सिफारिश की थी, जिसे गृह मंत्रालय ने मान लिया था।

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