हिमाचल: 4 सीटों पर हार नहीं BJP की परेशानी का कारण, वोट शेयर ने बढ़ाई चिंता
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) की बड़ी शर्मनाक हार हुई है। प्रदेश की एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (By-Election) हुए और इसमें भाजपा (BJP) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। कांग्रेस (Congress) ने मंडी लोकसभा (Mandi Loksabha) उपचुनाव समेत तीनों विधानसभा क्षेत्रों- फतेहपुर, अर्की और जुब्बल-कोटखाई में जीत का परचम लहराया। प्रदेश में भाजपा की इस हार के पीछे कई वजहों को जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि हिमाचल में भाजपा की हार के ज्यादा परेशानी वाली बात नहीं है, मगर जिस तरह से यहां वोट शेयर में गिरावट आई है, उसने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है।
सत्तारूढ़ दल परंपरागत रूप से उपचुनावों में जीतती रही हैं। लेकिन अपनी करारी हार से भाजपा की मुश्किलें इस तथ्य से और बढ़ गई हैं कि इन चारों निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के वोट-शेयर में भारी गिरावट आई है। फतेहपुर में 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 49 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन उपचुनाव में यह घटकर 32 फीसदी रह गया। जो कि सत्तारूढ़ दल के लिए चिंता का विषय है। जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर इस उपचुनाव में कांग्रेस के खाते में लगभग 52 प्रतिशत वोट शेयर आया था। भाजपा के बागी चेतन बरागटा 41 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने में कामयाब रहे। मगर भाजपा के उम्मीदवार नीलम सरैइक केवल चार प्रतिशत वोट हासिल कर पाईं।
कोटखाई में BJP का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन
जुब्बल कोटखाई में भाजपा का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। 2017 के विधानसभा चुनावों में यहां कांग्रेस के पास लगभग 42 प्रतिशत वोट-शेयर था, जबकि भाजपा के पास 49 प्रतिशत वोट शेयर था। इस सीट पर उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार की जमानत ही जब्त हो गई है। भाजपा के एक नेता ने बताया कि जुब्बल-कोटखाई सीट जेपी नड्डा खेमे और प्रेम कुमार धूमल खेमे की आंतरिक कलह की बलि चढ़ी है। (केंद्रीय मंत्री) अनुराग ठाकुर और धूमल के काफी करीबी माने जाने वाले चेतन बरागटा को सीएम जयराम ठाकुर टिकट नहीं देना चाहते थे, इसलिए नीलम सरैइक को टिकट दिया गया। मगर मुख्यमंत्री भी उनकी जीत सुनिश्चित नहीं कर सके।
मंडी सीट पर कांग्रेस वोट शेयर में 22 फीसदी का इजाफा
अगर मंडी लोकसभा सीट की बात करें तो 2019 के संसदीय चुनावों में कांग्रेस का वोट-शेयर 27 प्रतिशत था, जो इन उपचुनाव में बढ़कर लगभग 49 प्रतिशत हो गया है। वहीं भाजपा को 2019 में मंडी लोकसभा सीट पर 69.7 फीसदी वोट मिले थे। जो इस चुनाव में घटकर करीब 48 फीसदी रह गया। उपचुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर लगभग 22 फीसदी वोट शेयर में वृद्धि हासिल की है। हालांकि भाजपा इस हार को यह कहकर सामान्य बनाने की कोशिश कर रही है कि, प्रतिभा सिंह सहानभूति के चलते जीती हैं।