Himachal Election : मतगणना में तीन दिन शेष; बागियों पर भाजपा-कांग्रेस की नजरें, दोनों लुभाने में जुटीं

हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना में तीन दिन शेष हैं। इसी बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां चाहती हैं कि यदि उनके पास सदन में बहुमत कम पड़े तो बागियों को साथ लेकर सरकार बनाई जाए। 

 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए हुई वोटिंग की आठ दिसंबर को मतगणना होगी। मतगणना में तीन दिन शेष रह गए हैं। इसी बीच हिमाचल प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने अपने बागियों को संदेश भेजने शुरू कर दिए हैं। दोनों ही पार्टियां चाहती हैं कि यदि उनके पास सदन में बहुमत कम पड़े तो बागियों को साथ लेकर सरकार बनाई जाए। 

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राज्य विधानसभा की 68 सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान हुआ था। अब आठ दिसंबर को मतगणना के बाद रिजल्ट घोषित होंगे। इसके बाद हिमाचल प्रदेश में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। अलग-अलग जिलों से मिल रही जानकारी बताती है कि नए सदन में बहुमत हासिल करने के बड़े-बड़े दावों के बावजूद दोनों पार्टियों के लिए अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।  

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शीर्ष नेतृत्व की रातों की नींद हुई हराम

हिमाचल विधानसभा चुनाव में इस बार बागियों ने कांग्रेस-भाजपा दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की रातों की नींद हराम कर दी थी। हालांकि अब बदली परिस्थितियों में दोनों ही दल अपने बागियों और असंतुष्टों से संपर्क करने के लिए मजबूर हैं। ये बागी विभिन्न जिलों से चुनाव जीतने की स्थिति में हैं। ऐसे में जीत कर विधानसभा पहुंचते हैं तो सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाएंगे।

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भाजपा के बागी कांग्रेस से न करें गठबंधन

भाजपा के सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने राज्य स्तर के शीर्ष नेताओं को अपने बागियों के संपर्क में रहने का निर्देश दिया है। शाह और नड्डा ने पार्टी नेताओं को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जीत की सूरत में भाजपा के बागी किसी भी कीमत पर कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन न करें और भाजपा का समर्थन करें जो उनकी मातृ पार्टी है।

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कांग्रेस में सीएम पद के छह दावेदार

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस भी स्थिति ठीक नहीं है। कांग्रेस के कई नेताओं ने दावा करना शुरू कर दिया है कि यदि पार्टी सत्ता में आई तो वह मुख्यमंत्री बनेंगे। इनमें हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह, कौल सिंह ठाकुर, राम लाल ठाकुर, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, आशा कुमारी और मुकेश अग्निहोत्री शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने अपने शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है और सदन के नेता के पद के लिए अपना दावा पेश किया है। 

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सत्ता में लाने का मिलना चाहिए श्रेय

कांग्रेस के इन नेताओं का कहना कि उन्हें भाजपा को नुकसान पहुंचाने और पार्टी को ऐसी स्थिति में वापस लाने का श्रेय दिया जाना चाहिए जिसकी वजह से राज्य में पार्टी एक बार  फिर सरकार बनाने की स्थिति में पहुंची है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने की स्थिति में सदन के नए नेता के चयन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी निर्णय लेंगी। 

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प्रियंका नामित करेंगी कांग्रेस का नेता

बहरहाल, सभी की निगाहें प्रियंका गांधी पर हैं, जिन्होंने न केवल राज्य में पार्टी का प्रचार अभियान चलाया, वरन शिमला जिले में अपने छराबड़ा स्थित घर में रहकर पूरी चुनावी प्रक्रिया का पर्यवेक्षण भी किया। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने 8 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रियंका गांधी को सदन के नेता को नामित करने के लिए अधिकृत किया है। मगर स्थिति अभी भी अस्पष्ट बनी हुई है।