Himachal Election: मिशन हिमाचल पर निकलीं प्रियंका गांधी, जानें क्या हैं कांग्रेस को चुनौतियां

हिमाचल विधानसभ चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल चुनावी रणनीतियां तैयार करने में जुट गए हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने त्रिकोणीय मुकालबा बनाने का काम किया है।
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मिशन हिमाचल पर निकलीं प्रियंका गांधी, जानें क्या हैं कांग्रेस को चुनौतियां Priyanka Gandhi Mission Himachal

शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Election) को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। हिमाचल में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल चुनावी रणनीतियां तैयार करने में जुट गए हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने हिमाचल में इस बार त्रिकोणीय मुकालबा बनाने का काम किया है। पीएम मोदी पिछले 12 दिनों में दो बार प्रदेश का दौरा कर चुके हैं तो अब कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी 'मिशन हिमाचल' को लेकर पूरी तरह से तैयार दिख रही हैं। 


प्रियंका गांधी ने यूपी में चुनावी मिशन को लेकर जमकर रैलियां की थीं। यूपी में प्रियंका का 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कैंपेन काफी सुर्खियों में रहा था। हालांकि, उनके इस कैंपेन को भाजपा और बसपा ने नाटकबाजी करार दिया था। अब प्रियंका हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने में जुट गई हैं। 14 अक्तूबर को प्रियंका ने सोलन में जनसभा को संबोधित कर चुनाव अभियान का आगाज कर दिया है। कांग्रेस ने 45 सीटों पर उम्मीदवार लगभग तय कर लिए हैं।  

प्रियंका ने तेज किया 'मिशन हिमाचल'

सत्ता परिवर्तन करवाने के मिशन को लेकर प्रियंका एड़ी चोटी का जोर लगाती नजर आ रही हैं। उन्होंने बीते दिन शिमला से सटे छराबड़ा में बने घर की बात करते हुए खुद को हिमाचल प्रदेश का बताया। उन्होंने अपने संबोधनों के दौरान कई बार इंदिरा गांधी के हिमाचल के प्रति लगाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही हिमाचल में बसना चाहती थीं। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों को नजदीक से जाना।  


कांग्रेस के लिए क्या हैं बड़ी चुनौतियां

  • हिमाचल में कांग्रेस के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती भाजपा ही है। क्योंकि यहां पहले से ही डबल इंजन सरकार सत्ता पर है। ऐसे में वह अपनी कई योजनाओं की मदद से कांग्रेस को शिकस्त दे सकती है। पिछले कुछ दिनों में पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश में एक के बाद एक कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिसका सीधा नुकसान कांग्रेस को हो सकता है।

  • हिमाचल में बिखरते कुनबे को बचाना भी प्रदेश कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती है। एक तरफ चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस में चल रही खींचतान से पार्टी का सत्ता में वापसी का सफर और कठिन होता जा रहा है। इससे पहले हिमाचल कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

  • भाजपा के कई बड़े नेता लगातार हिमाचल प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। पीएम मोदी खुद आठ दिनों में दो बार बिलासपुर और कुल्लू, फिर ऊना और चम्बा में विशाल रैलियों को संबोधित कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी हिमाचल आ रही हैं। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर जैसे दिग्गज नेता भी लगातार हिमाचल में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह में सिरमौर में जनसभा कर चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी चुनौती दिखाई दे रही है। 

  • इस बार दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी भी हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनावों में ताल ठोक रही है। इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होता दिख रहा है, क्योंकि आप सीधे तौर पर वोट काटने की भूमिका निभाने के लिए मैदान में उतरी है। त्रिकोणीय मुकालबा होने से कांग्रेस के लिए चुनौती और बढ़ गई है। 

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