Himachal Budget 2023 : हिमाचल बजट सत्र 14 मार्च से, हो सकता है हंगामेदार, BJP आक्रामक

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र (Himachal Budget 2023) 14 मार्च से शुरू होने वाला है। यह बजट सत्र छह अप्रैल तक चलेगा। हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सुक्खू सरकार का यह पहला बजट सत्र है और इसके काफी हंगामेदार होने के आसार है।
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हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र (Himachal Budget 2023) 14 मार्च से शुरू होने वाला है। यह बजट सत्र छह अप्रैल तक चलेगा। हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सुक्खू सरकार का यह पहला बजट सत्र है और इसके काफी हंगामेदार होने के आसार है। कांग्रेस सरकार जहां अभी तक अपनी एक भी चुनावी घोषणा को पूर्णतः लागू नहीं कर पाई, वहीं भाजपा संस्थानों के बंद करने के मुद्दे पर जोरदार बहस करने को तैयार हैं।

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र (Himachal Budget 2023) 14 मार्च से शुरू होने वाला है। यह बजट सत्र छह अप्रैल तक चलेगा। हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सुक्खू सरकार का यह पहला बजट सत्र है और इसके काफी हंगामेदार होने के आसार है। कांग्रेस सरकार जहां अभी तक अपनी एक भी चुनावी घोषणा को पूर्णतः लागू नहीं कर पाई, वहीं भाजपा संस्थानों के बंद करने के मुद्दे पर जोरदार बहस करने को तैयार हैं।


भाजपा के एक नेता ने कहा कि मंगलवार से शुरू हो रहे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 24 दिवसीय बजट सत्र में जोरदार बहस होने की संभावना है और विपक्षी भाजपा ने सरकार को गिराने के लिए आक्रामक मुद्रा अपनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा स्थापित कार्यालयों और संस्थानों को बंद करने और गैर-अधिसूचित करने का कांग्रेस सरकार का निर्णय चर्चा का एक प्रमुख बिंदु है।


 

सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने भाजपा शासन के तहत स्थापित या अपग्रेड किए गए कई संस्थानों को यह कहते हुए बंद कर दिया कि इनमें पिछली सरकार बिना बजट और कर्मचारियों का कोई प्रावधान नहीं किया था। इसके विरोध में भाजपा ने एक हस्ताक्षर अभियान चलाया और इस सरकार के इस कदम के खिलाफ राज्य भर में 'आक्रोश रैलियां' कीं। 


कर्मचारी चयन आयोग को भंग

राज्य की ऋण देनदारी और मुफ्त स्कूल वर्दी लाभार्थियों की संख्या में कमी कुछ ऐसे अन्य मुद्दे हैं, जिनसे बहस छिड़ने की उम्मीद है। भाजपा नेताओं का कहा है कि सलाहकारों, मुख्य संसदीय सचिवों, बोर्डों और निगमों के अध्यक्षों की नियुक्तियों, डीजल पर वैट में वृद्धि और हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने पर भी भाजपा के आक्रामक होने की उम्मीद है।


कांग्रेस की 10 चुनावी गारंटियां

विपक्ष दल भाजपा कांग्रेस की 10 चुनावी गारंटियों को लागू करने में विफलता पर भी सरकार को घेरने का प्रयास करेगी। सरकार अपनी ओर से राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र लाएगी। सुक्खू 75,000 करोड़ रुपये के कर्ज के बारे में मुखर रहे हैं, जो उनकी सरकार को पिछले भाजपा शासन से कार्यभार संभालने के बाद विरासत में मिला है। अब 14 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में क्या कुछ होता है, ये देखना काफी दिलचस्प होगा।

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