कांगड़ा का बड़ा चेहरा मंत्रिमंडल से बाहर
धर्मशाला। किशन कपूर के बाद कांगड़ा भाजपा का एक और बड़ा चेहरा प्रदेश मंत्रिमंडल से बाहर हो गया है। सोमवार देर रात खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपिन सिंह परमार को विधानसभा अध्यक्ष बनाने की घोषणा मीडिया के समक्ष की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय हाईकमान के निर्देश पर विपिन परमार को नया अध्यक्ष बनाया जाएगा। परमार के चयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद यह तय हो गया कि कांगड़ा, विशेषकर पालमपुर क्षेत्र ने मंत्रिमंडल में अपना नेतृत्व खो दिया है। मंत्री बनने के बाद परमार कांगड़ा के एक बड़े नेता के रूप में उभर रहे थे। इसी कारण अंदरखाते उन्हें सेटल करने की कोशिशें लगभग एक साल से जारी थीं। सरकार या पार्टी हजार दावे करे, पर यह सुगबुगाहट तेज हो गई है कि परमार का वरिष्ठ नेता के रूप में उभरना बहुत से लोगों को रास नहीं आ रहा था।
सूत्र दिन भर दावा करते रहे कि किसी उम्रदराज व्यक्ति को ही विधानसभा अध्यक्ष के पद पर बिठाया जाएगा, ताकि तेजतर्रार नेता मंत्रिमंडल में अपनी भूमिका को साबित कर सकें, पर देर रात मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही ऐसी तमाम अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया। हालांकि, यह चर्चा भी तेज हो गई है कि कांगड़ा के एक या दो विधायकों को कैबिनेट में स्थान मिलेगा, लेकिन क्या वह चेहरा विपिन परमार के कद का होगा, यह देखना रोचक रहेगा।
बहरहाल, विपिन परमार बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर कुर्सी संभाल लेंगे। सोमवार को विधायक दल की बैठक के दौरान देर शाम तक नेताओं के बीच नए विधानसभा अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा चली रही और देर शाम विपिन परमार के नाम पर मुहर लगाई गई। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चर्चा तो नरेंद्र बरागटा, रमेश धवाला, कर्नल इंद्र सिंह, राजीव सहजल व नरेंद्र ठाकुर पर थी, पर देर शाम अलग ही नाम सामने आया। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह नाम तय करने के लिए हाईकमान से भी चर्चा की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी इस पर बात हुई।
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