हिमाचल के 20,000 आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति पर हो गया फैसला... पढ़िए रिपोर्ट
शिमला। हिमाचल प्रदेश के करीब 20,000 आउटसोर्स कर्मियों को राहत मिलने वाली है। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में वर्षों से सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मियों को सरकार जल्द राहत देने की तैयारी में है। प्रदेश मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति लाई जा रही है। इस नीति के लागू होने से आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए गठित कैबिनेट उप समिति की की बैठक में नीति बनाने का फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में शनिवार को आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए गठित कैबिनेट उप समिति की बैठक हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया है कि प्रदेश के सरकारी विभागों में वर्षों सेृ सेवाएं दे रहे हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए शीघ्र ही नीति तैयार की जाए। इस नीति के जरिये आउटसोर्स कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित किया जाएगा। नीति के लागू होने से आउटसोर्स कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग भी पूरी हो सकेगी।
बता दें कि प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में निजी कंपनियों के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों की तैनाती की गई है। ये कर्मचारी लंबे समय से ठोस नीति बनाकर उनके भविष्य को सुरक्षित करने की मांग करते रहे हैं। सरकार ने इसके बाद इस मसले को सुलझाने के लिए मंत्रिमंडल उप समिति का गठन किया था। इस समिति की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। शनिवार को हुई बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियों को राहत की उम्मीद दिखने लगी है। मंत्री महेंद्र सिंह कहा कि उप समिति ने फैसला लिया है कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाई जाए। नीति बनाने की मामला आगामी मंत्रिमंडल की बैठक में मामला लाया जा रहा है।
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