कृषि विश्वविद्यालय के आठ छात्रों को गोल्ड मेडल, राज्यपाल-मुख्यमंत्री ने बांटी डिग्रियां

पालमपुर। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय का 16वां दीक्षांत समारोह सोमवार को हुआ। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार और कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर भी मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह के दौरान करीब
 | 
कृषि विश्वविद्यालय के आठ छात्रों को गोल्ड मेडल, राज्यपाल-मुख्यमंत्री ने बांटी डिग्रियां

पालमपुर। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय का 16वां दीक्षांत समारोह सोमवार को हुआ। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल एवं कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार और कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर भी मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह के दौरान करीब 100 छात्रों ने सभागार में डिग्री प्राप्त की, जबकि लगभग 200 छात्रों को ऑनलाइन डिग्री प्रदान की गई।

 

 

16वां दीक्षांत समारोह में आठ छात्रों को शानदार प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इस मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने युवा वैज्ञानिकों और डिग्री धारकों से स्वरोजार की राह अपनाकर नौकरी करने के बजाय नौकरी देने वाले बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा वैज्ञानिक अपने ज्ञान से समाज और विशेष रूप से कृषि समुदाय को लाभ पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि युवा देश की संपत्ति हैं और उन्हें राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों में योगदान देना चाहिए।

 

 

राज्यपाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार द्वारा पहली नवंबर, 1978 को विश्वविद्यालय के रूप में रोपा गया यह पौधा आज देश में उच्च शिक्षा का केंद्र बन गया है। शांता कुमार की इस परिकल्पना को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इस दिशा में योगदान देना हम सबकी जिम्मेदारी है। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने भी छात्रों को संबोधित किया। कुलपति प्रो. एचके चौधरी ने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।

 

 

देश के नामी विश्वविद्यालयों में शुमार

दीक्षांत समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि 43 वर्ष पूर्व उनके मुख्यमंत्रीत्व काल के दौरान इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। इन वर्षों में इस विश्वविद्यालय ने देश के कृषि विश्वविद्यालयों के मध्य अपना एक विशेष स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के विज्ञानियों के परिश्रम और अनुसंधान का ही परिणाम है कि आज भारत अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर है, जिसके परिणामस्वरूप कोरोना महामारी के दौरान देश के 80 करोड़ लोगों को नि:शुल्क राशन प्रदान करवाया गया।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।