बोह हादसाः पीड़ितों को मदद तो दूर 26 दिन बाद भी नहीं बन सकी नुकसान की रिपोर्ट

शाहपुर। 12 जुलाई को कांगड़ा जिले के बोह हादसे से कौन अवगत नहीं है। यह ऐसा हादसा था कि पूरे हिमाचल को हिला कर रखा दिया था। बोह के धारकंडी इलाके के रुलेहड़ गांव में प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचा दी थी। इस आपदा में 10 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। कुछ लोग घायल
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बोह हादसाः पीड़ितों को मदद तो दूर 26 दिन बाद भी नहीं बन सकी नुकसान की रिपोर्ट

शाहपुर। 12 जुलाई को कांगड़ा जिले के बोह हादसे से कौन अवगत नहीं है। यह ऐसा हादसा था कि पूरे हिमाचल को हिला कर रखा दिया था। बोह के धारकंडी इलाके के रुलेहड़ गांव में प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचा दी थी। इस आपदा में 10 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। कुछ लोग घायल भी हो गए। इसमें सबसे दर्दनाक और झकझोर देने वाली बात यह थी कि एक ही परिवार के पांच सदस्य मौत के आगोश में समा गए थे। मगर हैरानी की बात है कि फौरी राहत देने के अलावा प्रशासन अभी तक नुकसान की रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाया है।

 

 

13 जुलाई को जब मुख्यमंत्री मौके पर पहुंचे तो उन्होंने अधिकारियों को तत्काल पीड़ितों की मदद के आदेश दिए थे। मगर 26 दिन बीत जाने के बाद भी यह रिपोर्ट नहीं बन सकी है। इस हादसे के बाद मौके पर जिला प्रशासकीय अधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे। प्रभावितों को हरसंभव मदद का भरोसा भी दिया था। हादसे में नौ घरों के साथ पंचायत घर समुदायिक भवन आदि पूरी तरह से जमींदोज हो गए थे। इसके अलावा जबकि चार घर क्षतिग्रस्त भी हो गए थे। मगर अभी तक फौरी तौर पर कुछ रुपयों की आर्थिक मदद, कपड़े व खाने का सामान के अलावा कोई मदद नहीं मिल पाई है।

बोह हादसाः पीड़ितों को मदद तो दूर 26 दिन बाद भी नहीं बन सकी नुकसान की रिपोर्ट
बोह हादसे में यह पूरा परिवार काल का ग्रास बन गया।

 

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मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख की आर्थिक सहायता देने का वादा किया था। आपदा से हुए नुकसान का मुआवजा और घर बनाने को जमीन देने की भी बात कही थी। हादसे में जान गंवाने वाले भीम सिंह के भाई संजू ने कहा कि मलबे में दबने से उसका भाई के परिवार के पांच लोग मौत का ग्रास बन चुके हैं। घर भी जमींदोज हो चुका है। अभी तक शाहपुर विधायक की तरफ से फौरी तौर पर गैस सिलेंडर, कंबल और खाने का सामान दिया गया है। इसके अलावा कोई भी मदद नहीं की गई है।

 

 

अभी तक तैयार नहीं की नुकसान की रिपोर्ट

उप तहसील दरीणी के तहसीलदार फकीर चंद भारद्वाज ने कहा कि रुलेहड़ पंचायत में हुए नुकसान की अभी रिपोर्ट बनाई जा रही है। एक-दो दिन में हादसे में हुए नुकसान का मूल्यांकन कर रिपोर्ट एसडीएम शाहपुर को भेजी जाएगी। हादसे के तुरंत बाद पीड़ित लोगों को फॉरी तौर पर आर्थिक मदद दी गई थी। हादसे के कारण कुछ मकान बिल्कुल जमींदोज हो गए हैं, जबकि कुछ क्षतिग्रस्त हुए हैं। सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है।

पीड़ित परिवारों को जल्द दी जाए मदद

रुलेहड पंचायत के उपप्रधान ओम चंद कहते हैं कि प्रभावित परिवारों को अभी तक न तो आर्थिक मदद मिली है और न ही रहने के लिए घर की व्यवस्था हुई है। प्रभावित लोग अपने पुराने घर या रिश्तेदारों के घर में रह रहे हैं। सरकार से अपील है कि प्रभावित परिवारों के लिए जल्द से जल्द घऱ बनाकर दिए जाएं। इसके अतिरिक्त जिन लोगों की जमीन मलबे में चली गई है, उन्हें जमीन भी दी जाए। साथ ही मृतकों के परिवार को आर्थिक मदद भी दी जाए।

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