Himachal Election: कौल सिंह का गढ़ रही है दरंग विधानसभा सीट, 80 के बाद BJP को मात्र दो बार मिली जीत

भाजपा ने सिटिंग विधायक जवाहर ठाकुर का टिकट काटते हुए पूर्ण चंद ठाकुर को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने फिर से कौल सिंह ठाकुर को दरंग से अपना प्रत्याशी बनाया है।
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वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में दरंग विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के जवाहर ठाकुर ने जीत हासिल की थी। वहीं, कौल सिंह ठाकुर साल 1977 में सबसे पहले जनता पार्टी से विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। साल 1982, 85 में कौल सिंह ठाकुर को जीत मिली। 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के दीनानाथ को जीत मिली थी। 

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आने वाले द्रंग विधानसभा क्षेत्र के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर कई बार विधायक रह चुके हैं। दरंग को कौल सिंह का गढ़ माना जाता रहा है। इस बार दरंग विधानसभा क्षेत्र का मुकाबला देखने योग्य होगा। क्योंकि भाजपा ने अपने विधायक का टिकट काट कर पूर्ण चंद ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने अपने पुराने नेता को ही पार्टी टिकट दी है।


वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में दरंग विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के जवाहर ठाकुर ने जीत हासिल की थी। वहीं, कौल सिंह ठाकुर साल 1977 में सबसे पहले जनता पार्टी से विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। साल 1982, 85 में कौल सिंह ठाकुर को जीत मिली। 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के दीनानाथ को जीत मिली थी। 

हालांकि वर्ष 1993, 1998, 2003, 2007 और 2012 के चुनाव में कौल सिंह ठाकुर ने दरंग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। यानी कौल सिंह ठाकुर दरंग विधानसभा क्षेत्र से आठ बार विधायक चुने गए हैं। ऐसे में दरंग को कौल सिंह ठाकुर का गढ़ माना जाता है। इस बार भाजपा ने सिटिंग विधायक जवाहर का टिकट काट कर पूर्ण चंद ठाकुर को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने एक बार फिर कौल सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है।


 
हिमाचल प्रदेश में होगा त्रिकोणीय मुकाबला 

हिमाचल प्रदेश में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। कांग्रेस, भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी भी जोर शोर से चुनाव प्रचार कर रही है। प्रदेश की सभी 68 सीटों पर इस बार भी सिंगल फेज में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि आठ दिसंबर को नतीजों का एलान होगा। पिछले तीन दशक में इस पहाड़ी राज्य में एक के एक दूसरी पार्टी सत्ता में आती रही है।

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