Breaking News: गर्भवती लिव-इन पार्टनर की शिमला में हत्या, दर्ज करा दी मिसिंग रिपोर्ट
गाजियाबाद की इंदिरापुरम पुलिस ने सात महीने पहले शिमला में अपनी गर्भवती लिव-इन पार्टनर की हत्या के सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
वेब टीम। गाजियाबाद की इंदिरापुरम पुलिस ने सात महीने पहले शिमला में गर्भवती लिव-इन पार्टनर की हत्या के सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी युवक पिछले चार साल से वसुंधरा इलाके में युवती के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहा था। मई में हत्या के बाद आरोपी की शिकायत पर पुलिस ने युवती की गुमशुदगी दर्ज की थी।
हिंदुस्तान लाइव की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने भले ही अब खुलासा किया हो, लेकिन दो बार पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती है। मई में युवती के लापता होने पर युवती की मां ने आरोपी पर हत्या का शक जताते हुए शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा लिखने के बजाय आरोपी युवक की तरफ से ही गुमशुदगी दर्ज की थी। इसके बाद युवती की मां ने 26 नवंबर को फिर उसकी हत्या का शक जताते हुए शिकायत दी, पर भी पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया।
छपरौला की रामविहार कॉलोनी में रहने वाली बिट्टो पत्नी उमेश कुमार की 35 वर्षीय बेटी दिव्या वर्ष 2018 से बादशाहपुर सिरौली के रहने वाले रमन के साथ वसुंधरा सेक्टर-5 में लिव इन रिलेशन में रह रही थी। परिजनों का कहना है कि दोनों ने शादी की थी, जबकि पुलिस का कहना है कि दोनों लिव इन में रह रहे थे। डीसीपी ट्रांस हिंडन डॉ. दीक्षा शर्मा का कहना है कि 18 दिसंबर को युवती की मां बिट्टो ने इंदिरापुरम थाने पर शिकायत देकर बताया कि उनकी बेटी दिव्या 18 मई से लापता है। उन्होंने दिव्या के बॉयफ्रेंड रमन पर हत्या का शक जताया था।
पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच की तो रमन की भूमिका संदिग्ध लगी। इसके बाद रमन से सख्ती से पूछताछ करने पर उसने दिव्या की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। हत्या की वजह रमन ने पुलिस को बताई कि उसके घरवालों ने तीन मई को ही एक युवती से उसकी शादी कराई थी। शादी के बाद वह स्थिति को संभाल नहीं पा रहा था, इसलिए दिव्या से छुटकारा पाने के लिए उसने हत्या कर दी। वह दिव्या को 18 मई को अपनी गाड़ी में शिमला घुमाने लेकर गया और उसी दिन उसने चुन्नी से गला दबाकर दिव्या की हत्या कर दी थी। शिमला पुलिस को 26 मई को एक युवती का शव बरामद हुआ था।
पुलिस ने दो बार बरती लापरवाही
दिव्या हत्याकांड में पुलिस की दो बार लापरवाही सामने आई है। सबसे पहली बार दिव्या के लापता होने पर 22 मई को ही दिव्या की मां बिट्टो ने इंदिरापुरम थाने में शिकायत देकर रमन पर अपनी तीन माह की गर्भवती बेटी की हत्या का शक जताते हुए शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने बिट्टो की शिकायत पर केस दर्ज करने के बजाय रमन की तहरीर पर गुमशुदगी दर्ज कर ली। इसके बाद पीड़ित महिला ने 26 नवंबर को फिर शिकायत देकर रमन पर हत्या का शक जताते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की, लेकिन पुलिस ने फिर भी केस दर्ज नहीं किया।
मोबाइल लोकेशन से पकड़ा गया आरोपी का झूठ
पुलिस का कहना है कि आरोपी ने 18 मई को हत्या करने के बाद 19 मई को अपनी गर्लफ्रेंड की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। आरोपी अपने और दिव्या के दो वर्ष के बच्चे को गोद में लेकर पुलिस के पास आता था, इसलिए पुलिस को शक नहीं हुआ। अब 18 दिसंबर को युवती की मां ने जब शिकायत देकर रमन पर हत्या का शक जताया तो रमन से पूछताछ की गई। रमन ने फिर पुरानी कहानी दोहराई कि दिव्या अचानक लापता हो गई। इसके बाद पुलिस ने रमन के मोबाइल की सीडीआर निकाली। उसमें आरोपी के 18 मई को हिमाचल प्रदेश के शिमला में होने का पता चला। इसके बाद पुलिस ने आरोपी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या करना कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
टैटू से हुई युवती की पहचान
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह के मुताबिक, रमन से हत्या की जानकारी मिलने के बाद शिमला पुलिस से संपर्क किया गया। शिमला पुलिस ने बताया कि उनके यहां 26 मई को एक 35 वर्षीय युवती का शव मिला था। शिनाख्त नहीं होने पर निर्धारित समय के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। शिमला पुलिस ने शव के फोटो भी दिखाए। युवती की कलाई पर बने टैटू और कपड़ों से उसकी शिनाख्त हुई।
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