Himachal Cement Issue : दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों ने जमा किया हाईवे, सरकार और अडाणी के खिलाफ नारेबाजी

हिमाचल प्रदेश में सीमेंट विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों के बीच अपने गतिरोध के बीच ट्रक ऑपरेट सड़कों पर उतर आए हैं। दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों का प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा।
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हिमाचल प्रदेश में सीमेंट विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों के बीच अपने गतिरोध के बीच ट्रक ऑपरेट सड़कों पर उतर आए हैं। दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों का प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरान ऑपरेटरों ने अडाणी और हिमाचल की सुक्खू सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान काफी समय तक दाड़लाघाट में हाईवे पर जाम लगा रहा। जाम खुलवाने के लिए पुलिस की काफी मशक्कत करनी पड़ी है।

सोलन। हिमाचल प्रदेश में सीमेंट विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों के बीच अपने गतिरोध के बीच ट्रक ऑपरेट सड़कों पर उतर आए हैं। दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों का प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरान ऑपरेटरों ने अडाणी और हिमाचल की सुक्खू सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान काफी समय तक दाड़लाघाट में हाईवे पर जाम लगा रहा। जाम खुलवाने के लिए पुलिस की काफी मशक्कत करनी पड़ी है।

बता दें कि हिमाचल में सीमेंट कंपनी विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को जिम्मेदारी दी है। उन्हें दोनों पक्षों सीमेंट कंपनियों और ट्रक ऑपरेटरों से संवाद करके इस मामले को जल्द सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दरअसल, सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों के बीच एक महीने से चला आ रहा गतिरोध अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसे हिमाचल में 35 हजार लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ता देख मुख्यमंत्री को मामले में खुद हस्तक्षेप करना पड़ा। 

प्रदेश हित में इस मसले को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विवाद सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑप्रेटरों के बीच का मामला है, फिर भी सरकार प्रदेशहित में इस मामले को सुलझाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अब उद्योग मंत्री प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि विवाद को सुलझाते समय सरकार हिमाचल के ट्रक ऑपरेटरों के हितों की अनदेखी नहीं होने देगी। सरकार देखेगी कि ट्रक ऑप्रेटरों को अपनी जेब से किस्तें न भरनी पड़ें। बता दें कि माल भाड़े को लेकर सीमेंट प्लांट पर करीब एक महीने से ताले लटके हैं। सरकारी स्तर पर इस मामले को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, जो सभी बेनतीजा रही हैं।

प्लांट बंद होने से सरकार को 40 करोड़ का नुकसान

सीमेंट ढुलाई की दरों को लेकर जारी विवाद से सरकार को एक महीने में 35 से 40 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। उत्पादन ठप होने से सरकारी खजाने में स्टेट GST की ऐवज में आने वाली करोड़ों की रकम एक महीने से नहीं आई है। सीमेंट प्लांट से हर साल सरकार को टैक्स के रूप में 400 करोड़ रुपए की आय होती है, लेकिन इस बार यह आय प्रभावित होगी।

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