हिमाचल में H3N2 इन्फ्लुएंजा को लेकर अलर्ट, सभी सीएमओ को दिशा-निर्देश जारी

हिमाचल प्रदेश में H3N2 इन्फ्लुएंजा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को केंद्र सरकार से भेजे दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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हिमाचल प्रदेश में H3N2 इन्फ्लुएंजा (H3N2 Influenza In Himachal) को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (Chief Medical Officers) को केंद्र सरकार से भेजे दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक हेमराज बैरवा ने इसकी पुष्टि की है।

शिमला। हिमाचल प्रदेश में H3N2 इन्फ्लुएंजा (H3N2 Influenza In Himachal) को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (Chief Medical Officers) को केंद्र सरकार से भेजे दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक हेमराज बैरवा ने इसकी पुष्टि की है।

हिमाचल के पड़ोसी राज्य हरियाणा में इससे संबंधित मरीज के सामने आने के बाद सरकार सतर्क हो गई है। इस फ्लू की चपेट मेें आने से हरियाणा निवासी एक कैंसर पीड़ित व्यक्ति की मौत हो गई थी। सभी सीएमओ को कहा गया है कि जिस भी मरीज में इसके लक्षण नजर आएं, उनका समय रहते निरीक्षण और उपचार होना चाहिए।

इसके लिए टेस्ट की व्यवस्था और अन्य सहूलियतों पर भी सीएमओ से जानकारी तलब की गई है। जिस तरह की सतर्कता कोविड उपचार के लिए रहती है, ठीक वैसी ही इस इन्फ्लुएंजा के लिए भी अपनाने को कहा गया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक हेमराज बैरवा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राजस्व विभाग इस इन्फ्लुएंजा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस बारे में भारत सरकार से दिशा-निर्देश आए हैं। उनके बारे में सभी सीएमओ को अवगत करवाया जा रहा है।


पर्यटन स्थल ज्यादा संवेदशील

इस H3N2 Influenza के मद्देनजर पर्यटन स्थल ज्यादा संवेदनशील हैं। विशेषकर शिमला, धर्मशाला, मनाली आदि शहरों में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। ऐसे में पर्यटकों के साथ इस फ्लू के वायरस के हिमाचल प्रदेश आने की आशंका है।


क्या है एच3एन2 इन्फ्लुएंजा?

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक 2009 के एच1एन1 महामारी वायरस से मैट्रिक्स (एम) जीन के साथ इन्फ्लुएंजा ए एच3एन2 वैरिएंट वायरस जिसे "एच3एन2वी" वायरस के रूप में भी जाना जाता है, यह पहली बार जुलाई 2011 में लोगों में पाए गए थे। वायरस को पहली बार 2010 में अमेरिका में  सूअरों में पहचान की गई थी। 2011 के दौरान, एच3एन2वी से 12 लोगों के संक्रमित होने का पता चला था। 2012 के दौरान, एच3एन2वी के कई प्रकोप हुए जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका में 309 मामले सामने आए।

एच3एन2 इन्फ्लुएंजा कैसे फैलता है?

विशेषज्ञों के मुताबिक कि एच3एन2 इन्फ्लुएंजा एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। यह तब फैलता है जब संक्रमित व्यक्ति दूसरे से बात करता है, खांसता है या छींकता है। वायरस से दूषित सतह को छूने और फिर किसी के मुंह या नाक को छूने से भी फैल सकता है।

एच3एन2 इन्फ्लुएंजा से किसको खतरा हैं?

विशेषज्ञों के अनुसार गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे, बड़े वयस्क और जिनका इलाज चल रहा हो, ऐसे लोगों को फ्लू संबंधित जटिलताओं के विकास के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं।

एच3एन2 इन्फ्लुएंजा के लक्षण

एच3एन2 इन्फ्लूएंजा से प्रभावित लोगों को बुखार, खांसी, गले में खराश, बहती या भरी हुई नाक, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान जैसे लक्षण दिखाई दिए जा सकते हैं। कुछ मामलों में लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। ये लक्षण आमतौर पर लगभग एक सप्ताह तक रह सकते हैं। विशेषज्ञों ने कहा, हालांकि कुछ लोगों में लक्षण अधिक समय तक भी रह सकते हैं।

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