देश में कहीं भी ट्रैक हो सकेंगे व्यावसायिक वाहन, ERSS से जोड़ने वाला पहला राज्य बना हिमाचल

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पैनिक बटन के निगरानी केंद्र को पुलिस मुख्यालय के इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम 112 से जोड़ा गया है।
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हिमाचल प्रदेश 2019 के बाद व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (Vehicle Location Tracking Device / VLTD) से लैस सभी पंजीकृत व्यावसायिक वाहनों को आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली (Emergency Response Support System / ERSS) से जोड़ने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अब इन वाहनों को व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD)  से देश के किसी भी कोने में कहीं भी ट्रैक किया जा सकेगा। प्रदेश में पंजीकृत 9,591 वाहनों को ईआरएसएस से जोड़ दिया गया है। अब इस पर पुलिस और परिवहन विभाग दोनों की निगरानी होगी। 

हिमाचल प्रदेश 2019 के बाद व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (Vehicle Location Tracking Device / VLTD) से लैस सभी पंजीकृत व्यावसायिक वाहनों को आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली (Emergency Response Support System / ERSS) से जोड़ने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अब इन वाहनों को व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD)  से देश के किसी भी कोने में कहीं भी ट्रैक किया जा सकेगा। प्रदेश में पंजीकृत 9,591 वाहनों को ईआरएसएस से जोड़ दिया गया है। अब इस पर पुलिस और परिवहन विभाग दोनों की निगरानी होगी। 

मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला के राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में एक कार्यक्रम में औपचारिक रूप से इस प्रणाली का उद्घाटन किया। उन्होंने सार्वजनिक वाहनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन की भी सुविधा शुरू की। वाहन में सीट के पास यह बटन होगा, जिसे दबाकर किसी भी खतरे की स्थिति में पुलिस सहायता प्राप्त की जा सकेगी। राजधानी शिमला में चल रही इलेक्ट्रिक और एचआरटीसी की नई बीएस-6 बसों में भी यह प्रणाली जोड़ दी गई है। पैनिक बटन से आने वाली सूचना के लिए शिमला के परिवहन भवन में निगरानी केंद्र स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे काम करेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पैनिक बटन के निगरानी केंद्र को पुलिस मुख्यालय के इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम 112 से जोड़ा गया है। जब पैनिक बटन दबाया जाता है, तो सैटेलाइट से 112 पर सिगनल प्राप्त होगा और संकट में फंसे व्यक्ति से संपर्क कर पुलिस को भी सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुल्लू बस दुर्घटना की सूचना में विलंब के कारण बचाव अभियान में देरी हुई थी, लेकिन इस प्रणाली के बाद तुरंत सूचना मिलने से भविष्य में ऐसा नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की वेबसाइट का लोकार्पण भी किया।


इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण शुल्क, टोकन टैक्स में 100 फीसदी छूट 

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की गई है। 1150 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण में 15 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पंजीकरण शुल्क और टोकन टैक्स में सौ फीसदी छूट दी गई है। इतना ही नहीं, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की छठी कक्षा से सड़क सुरक्षा अध्याय शामिल किया जा रहा है। परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस परियोजना को शुरू करने वाला देश का पहला राज्य है।

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