हिमाचलः नाबालिग लड़की से दुराचार के दोषी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

नाबालिग लड़की से दुराचार का आरोप साबित होने पर अदालत ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 

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मंडी। हिमाचल प्रदेश में नाबालिग लड़की से दुराचार का आरोप साबित होने पर अदालत ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज शर्मा की फास्ट ट्रैक विशेष अदालत ने निहरी तहसील के कोलथी (रकोल) गांव निवासी आरोपी तोता राम के खिलाफ पोक्सो अधिनियम की धारा-4 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा-376 के तहत अभियोग साबित होने पर 10-10 साल के कठोर कारावास तथा 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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आरोपी द्वारा निश्चित समय में जुर्माना राशि अदा न करने पर उसे 3-3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। विशेष लोक अभियोजक वीके चौधरी ने बताया कि घटना वाले दिन पीड़िता अपने ताई के घर गई हुई थी। जब वह देर शाम तक घर नहीं लौटी तो उसकी माता ने उसके पिता को इसकी सूचना दी। इसके बाद पिता ने अपने रिश्तेदारों के साथ उसकी तलाश अपने स्तर पर की लेकिन उसका कोई पता न चलने पर उन्होंने 22 फरवरी, 2018 को निहरी पुलिस चौकी में रपट दर्ज करवाई। 

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प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी पुष्प देव की अगुआई में पुलिस दल ने पीड़िता और आरोपी को 24 फरवरी को कोलथी जंगल में बरामद किया था। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 26 गवाहों के बयान कलमबंद करवाकर आरोपी पर अभियोग साबित किया गया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी पर नाबालिग लड़ने से दुराचार करने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है, जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।

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