नगर निगम चुनाव… तो धर्मशाला के बाद पालमपुर बनेगा स्मार्ट सिटी

पालमपुर। प्रसिद्ध पर्यटन नगरी धर्मशाला (Dharamshala) को स्मार्ट सिटी (smart city) घोषित किए करीब पांच वर्ष हो रहे हैं। मगर आज तक धर्मशाला (Dharamshala) में स्मार्ट सिटी परियोजना (smart city project) पूरी नहीं हो पाई है। अब प्रदेश में नगर निगम चुनाव का दौर चल रहा है। प्रदेश सरकार के मंत्री घोषणाएं और वादे कर
नगर निगम चुनाव… तो धर्मशाला के बाद पालमपुर बनेगा स्मार्ट सिटी

पालमपुर। प्रसिद्ध पर्यटन नगरी धर्मशाला (Dharamshala) को स्मार्ट सिटी (smart city) घोषित किए करीब पांच वर्ष हो रहे हैं। मगर आज तक धर्मशाला (Dharamshala) में स्मार्ट सिटी परियोजना (smart city project) पूरी नहीं हो पाई है। अब प्रदेश में नगर निगम चुनाव का दौर चल रहा है। प्रदेश सरकार के मंत्री घोषणाएं और वादे कर रहे हैं। वहीं कुछ चुनावी लॉलीपॉप भी जनता को दिए जा रहे हैं। ऐसा ही चुनावी लॉलीपॉप पालमपुर में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर दे गए। उन्होंने पालमपुर में पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान कहा कि धर्मशाला के बाद पालमपुर सबसे बड़ा शहर है। ऐसे में इसे स्मार्ट सिटी (smart city palampur) के तौर पर विकसित किया जाएगा। पालमपुर के नगर निगम का दर्जा देना इस दिशा (smart city palampur) में महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे पालमपुर के देश-विदेश में पहचान मिलेगी।

 

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज ने कहा कि स्थानीय निकायों में भापजा ने 80 फीसदी से ज्यादा सीटें जीती हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार देश के उत्थान के लिए काम कर रही है। देश का हर शहर स्मार्ट बनेगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत धर्मशाला और शिमला में विकास कार्य हो रहे हैं। इससे पर्यटन का बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले में धर्मशाला के बाद पालमपुर सबसे बड़ा शहर है। मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच के चलते इसे नगर निगम बनाया गया है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास न नेता है और न ही नीति। हर तरफ दोहरा रवैया अपनाती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पालमपुर में नगर निगम बनाने का स्वागत करती है और बाहर इसका विरोध करती है। कहती है कि यहां पर विभिन्न योजनाएं लागू नहीं होगीं। कांग्रेस लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भी कांग्रेसी की करारी हार होगी। इस दौरान उन्होंने बजट की विभिन्न घोषणाओं का भी जिक्र किया।

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धर्मशाला में कई परियोजनाएं हैं अधूरी

उल्लेखनीय है कि धर्मशाला को स्मार्ट का दर्ज मिले करीब पांच साल हो रहे हैं। मगर अभी कई परियोजनाओं पर काम शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में नगर निगम चुनाव के दौरान इस तरह स्मार्ट सिटी का उल्लेख करना सिर्फ लोगों से वोट हासिल करने तक सीमित न रह जाए।


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