धर्मशाला में आ रहा पाक का मोबाइल नेटवर्क, सीमा से 150 किलोमीटर है दूरी

धर्मशाला। पाकिस्तान में लगे मोबाइल टावर का नेटवर्क भारत में धर्मशाला तक पकड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क के पकड़ने का पता चला है। कांगड़ा के करेरी में पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क संकेतों का पता लगने के बाद जिला प्रशासन ने दूरसंचार विभाग को इसकी सूचना दी है। जिले में
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धर्मशाला में आ रहा पाक का मोबाइल नेटवर्क, सीमा से 150 किलोमीटर है दूरी

धर्मशाला। पाकिस्तान में लगे मोबाइल टावर का नेटवर्क भारत में धर्मशाला तक पकड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क के पकड़ने का पता चला है। कांगड़ा के करेरी में पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क संकेतों का पता लगने के बाद जिला प्रशासन ने दूरसंचार विभाग को इसकी सूचना दी है।

जिले में पाकिस्तानी नेटवर्क पकड़ने का पता लगने को लेकर पुलिस अधिकारियों ने कहा कुछ ट्रैकर्स करेरी झील गए थे जहां उन्हें पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क के संकेत मिले थे। करेरी झील जो कि समुद्र तल से 2900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह जिला मुख्यालय से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

 

नेटवर्क पकड़ते ही अपने आप बदल गया मोबाइल का टाइम
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रैकर्स ने अधिकारियों को बताया कि जब भारतीय सेलुलर ऑपरेटर के सिग्नल नहीं मिले तो उनके मोबाइल फोन ने पाकिस्तानी मोबाइल फोन के नेटवर्क पकड़ लिए थे। ट्रैकर्स ने बताया कि पाकिस्तानी नेटवर्क मिलने के बाद मोबाइल में दिखने वाले समय में भी बदलाव हो गया था। ट्रैकर्स ने कहा कि पाकिस्तानी सिग्नल इतने मजबूत थे कि मोबाइल फोन अपने आप पाकिस्तान स्टैंडर्ड टाइम (पीएसटी) पर चले गए थे।

क्या कहते हैं अंतरराष्ट्रीय मानदंड?
दिलचस्प बात यह है कि धर्मशाला और निकटतम पाकिस्तानी सीमा के बीच की हवाई दूरी लगभग 140 किलोमीटर है। अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार, अगर बॉर्डर पर टावर लगे हैं उनकी रेंज दूसरे देश की सीमा से 500 मीटर से अधिक नहीं सकती है। यह पहली बार नहीं है जब धर्मशाला में पाकिस्तानी सेलुलर सिग्नल का पता चला। 2018 में, दो प्रमुख पाकिस्तानी सेलुलर ऑपरेटरों, जोंग और यूफोन के संकेते त्रुंड और धरमकोट में मिले थे। बॉर्डर के इलाकों में पाकिस्ती मोबाइल फोन के नेटवर्क का मिलना बहुत सामान्य बात है लेकिन धर्मशाला में नेटवर्क का पता चलने के बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया है। क्योंकि असमाजिक तत्व ऐसे नेटवर्क का दुरुपयोग कर सकते हैं।

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