कांगड़ा निवासी जस्टिस Sanjay Karol बने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, HPU से पूरी की है लॉ की पढ़ाई
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बतौर जज नियुक्ति के लिए पांच नामों पर अपनी मंजूरी दे दी है। इनमें राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मिथल, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल है।
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस संजय करोल मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले हैं। वह मूल रूप से जिला कांगड़ा की देहरा तहसील के गरली गांव से हैं। उनका जन्म 23 अगस्त 1961 को शिमला में हुआ था। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जन्म के बाद संजय करोल ने अपनी पढ़ाई शिमला के मशहूर सैंट एडवर्ड स्कूल से की। उन्होंने शिमला के संजौली कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स बीए ग्रेजुएशन की। इसके बाद हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की।
40 साल लंबा संजय करोल का करियर
साल 1983 में संजय करोल वकील के रूप में नामित हुए। उन्होंने प्रदेश की अलग-अलग अदालतों में प्रक्टिस की। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने वाले संजय करोल हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। उन्हें 25 अप्रैल 2017 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल 14 नवंबर 2018 को त्रिपुरा हाईकोर्ट के चौथे मुख्य न्यायाधीश बने। इसके बाद 11 नवंबर 2019 को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्हें स्थानांतरित किया गया था।
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