Himachal : सीएम सुक्खू बोले- पूरे मंत्रिमंडल के साथ होगी पहली कैबिनेट, ओपीएस, एक लाख नौकरियां देंगे

सीएम ने पूर्व भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनितिक रोटियां सेंकने के लिए जयराम सरकार ने 900 संस्थान खोल दिए।
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धर्मशाला । मुख्यमंत्री बनने के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को पहली बार जिला कांगड़ा में विशाल जन आभार रैली में कांगड़ा की जनता का विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के लिए आभार जताया। जोरावर स्टेडियम में जन आभार रैली में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक पूरे मंत्रिमंडल के साथ होगी। जल्द मंत्रिमंडल का गठन होगा।  पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली, महिलाओं को 1500 रुपए महीना और एक लाख नौकरियों के फैसले पर मुहर लगेगी।


 

सीएम सुक्खू ने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक के बाद वे पूरे प्रदेश का भ्रमण करेंगे। सीएम ने पूर्व भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनितिक रोटियां सेंकने के लिए जयराम सरकार ने नौ महीने में 900 संस्थान खोल दिए।  इन संस्थानों के लिए न बजट था और न ही कर्मचारी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले नहीं किए जाएंगे उनसे काम लेंगे। भर्ती की प्रक्रिया 60 दिनों में पूरी तरह पारदर्शी बनाई जाएगी। 



जोरावर स्टेडियम में जन आभार रैली के दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने सरकार बनने के पहले ही दिन से जो कदम उठाए हैं, वह सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार और संगठन साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दिवंगत वीरभद्र सिंह की सरकार ने कभी भी भेदभाव की राजनीति नहीं की है। न ही अब प्रदेश में चुनी हुई नई सरकार इस तरह की राजनीति करेगी। 

मुख्यमंत्री ने पहले दिन से ही जो-जो कदम जनहित में उठाए हैं, वह सराहनीय हैं।  मुख्यमंत्री के इन फैसलों के साथ संगठन पूरी तरह से उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि पूर्व की वीरभद्र सरकारों ने जिला कांगड़ा को बहुत कुछ दिया है। कांगड़ा को दूसरी राजधानी का दर्जा देने के अलावा दो माह कांगड़ा से सरकार चलाते रहे हैं। अब उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए सुक्खू सरकार भी जनहित में कई फैसले ले रही है।

उन्होंने कहा कि संगठन एकजुट हैै और एकजुट ही रहेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान जब भी वह कांगड़ा में कोई रैली या जनसभा करना चाहती थीं तो प्रधानमंत्री के आने का बहाना बना कर उन्हें अनुमति ही नहीं दी जाती थी।

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